भोंपूराम खबरी। नगर की प्रमुख बस अड्डे वाली रामलीला में आज सुमंत की वापसी, राम की भील राजा गुह से भेंट, राम केवट संवाद, दशरथ मरण तक की लीला का भावपूर्ण व सुंदर मंचन हुआ। आज दीप प्रज्जवलन नगर के समाजसेवी एवं उघोगपति, आर्म इंडिया के प्रबंध निदेशक मुकेश सिंह नें किया। श्रीरामलीला कमेटी नें सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर, शाल ओढ़ाकर एवं श्री गणेश जी की प्रतिमा देकर सम्मानित किया।
आज प्रथम दृश्य में राम सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या से निकलतें हैं तो अनेकानेक अयोध्यावासी भी उनके पीछे पीछे चल देते है। जब वह सांयकाल को अयोध्या की सीमा तह पहुंच जाते है तो सभी को विश्राम करनें को कहते है। मध्य रात्रि में वह मंत्री सुमंत को निद्रा से जगाकर कहते हैं कि वह स्वयं, सीता और लक्ष्मण ही वनों में जायेंगें। सुमंत के लाख समझ्ाानें के बाद भी वह नहीं मानते और वनों में चले जाते है।
वनों में उनकी मुलाकात भील राजा गुह से होती है और दोनों में परस्पर मित्रता हो जाती है।
आगे गंगा किनारे पहुंचनें पर उनकी मुलाकात केवट मल्लाह भगवान श्री राम ने गंगा पार करने के लिए केवट को पुकारते हुए कहा कि हे मल्लाह, तनिक नाव को किनारे लाएं, हमें उस पार जाना है। हालांकि केवट नाव को नहीं लाता और भगवान श्री राम के सामने एक शर्त रख दिया। केवट कहता है कि मैंने आपका मर्म भली भांति समझ लिया है। प्रभु आपके पैरों की धूल तक से सब भवसागर से तर जाते है। मेरी यह नाव ही रोजी रोटी का एकमात्र जरिया है, इसलिए आपको नाव पर बैठने से पहले अपना पांव धुलवाने होंगे। तभी वह नाव पर चढ़ने देंगे। प्रभु के पांव धुलवानें पर ही केवट मल्लाह उन्हें गंगा पार कराते है। जब राम उन्हें सीताजी अंगूठी देते हैं तो उसे केवट स्वीकार करनें से मना कर देते हैं तो वह कहते हैं कि आप तो पूरे भवसागर को पार लगानें वाले मल्लाह हैं, एक मल्लाह दूसरे मल्लाह से मल्लाही कैसे ले सकता है?
उधर अयोध्या के राजमहल में राजा दशरथ मरणासन्न हैं। मंत्री सुमन्त वापस पहुंचकर उन्हें बताते हैं कि राम वापस नहीं आये। यह सुनते ही दशरथ की आखिरी उम्मीद भी टूट जाती है। वह चीत्कार कर उठतें हैं। राम राम का विलाप करते हुये उनके प्राण परेखु उड़ जाता है। अयोध्या में गम के बादल छा जातें है। पर्दा गिर जाता है।
आज की लीला में राजा दशरथ- प्रेम खुराना, राम- मनोज अरोरा, लक्ष्मण- गौरव जग्गा, सीताजी- दीपक अग्रवाल, गणेश भगवान- आशीष ग्रोवर आशू, केवट मल्लाह- अनिल तनेजा, सुमन्त- सचिन आनन्द, राजा गुह- वैभव भुड्डी, कौशल्या- नरेश छाबड़ा, सुमित्रा का किरदार हर्ष नरूला, राजा गुह की सेना का किरदार रोहित खुराना, आयुष धमीजा, हर्ष अरोरा, दिव्यांश गोयल, शिवांश कोहली, शौर्य अरोरा, सक्षम दुआ, आयुष्मान सुशील गाबा, दिव्यांश गोयल, नें निभाया।
इस दौरान श्रीरामलीला कमेटी के इस अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, अमित गंभीर सीए, समन्वयक नरेश शर्मा, विजय जग्गा, राकेश सुखीजा, अमित अरोरा बोबी, राजेश छाबड़ा, कर्मचन्द राजदेव, सुभाष खंडेलवाल, हरीश अरोरा, महावीर आजाद, अमित चावला आशीष मिड्ढा, विजय विरमानी, मनोज गाबा, रघुवीर अरोरा, सुशील गाबा, चन्द्र सचदेवा, संदीप धीर, मोहन लाल भुड्डी, प्रेम खुराना, संजीव आनन्द, गौरव तनेजा, हरीश सुखीजा, मनोज मंुजाल, विशाल भुड्डी, राम कृश्ण कन्नौजिया, अनिल तनेजा, रमन अरोरा, कुक्कू शर्मा, गौरव राज बेहड़, सौरभ राज बेहड़, राजकुमार कक्कड़, सचिन मंुजाल, सुभाष तनेजा, मनेाज अरोरा, गौरव जग्गा, पुलकित बांबा, सचिन आनन्द, सुमित आनन्द, अजय चड्ढा, वैभव भुड्डी, दीपक अग्रवाल, अनमोल मिड्ढा, रोहित नागपाल, अमन गुम्बर, रोहित खुराना, गोगी, सन्नी आहूजा अमित वर्मा, कपिश सुखीजा, राजन राठौर, बिट्टू ग्रोवर, सनी आहूजा, सनी कोहली, लवी ग्रोवर, नोनी ग्रोवर, शिवांश कोहली, षौर्य अरोरा, आयुश धमीजा, नीतिश धीर, मोहन अरोरा, हर्श अरोरा, रोनिक मुंजाल, गर्वित मुंजाल, केतन बांगा, कुंदन, सिद्धान्त ग्रोवर, सन्नी सुखीजा, जतिन सुखीजा, चिराग तनेजा, अभय भुड्डी, पुरूराज बेहड़, आशमन अरोरा, अभि चुघ, तन्मय आनन्द, आयुश्मान सुशील गाबा, रवि अरोरा, चिराग कालड़ा, रोहित जग्गा, सचिन तनेजा, दिव्यांश गोयल, कनव गंभीर, महेश गर्ग, संजीव कामरा, राजकुमार नारंग, आयुश्मान सुशील गाबा आदि उपस्थित थे।