Saturday, March 29, 2025

नैनीताल की नैनीझील का जलस्तर लगातार गिर रहा, देखिए आंकड़े

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भोंपूराम खबरी। उत्तराखण्ड में नैनीताल की शान नैनीझील का जलस्तर लगातार गिर रहा है। जनवरी से अब तक बरसात नहीं होने से झील का लेवल नहीं बढ़ सका है। पर्यटकों की भीड़ और स्थानीय लोगों के कारण बढ़ती खपत से भी झील का जलस्तर लगातार गिर रहा है।

नैनीताल समेत पूरे उत्तराखण्ड की शान और लाइफलाइन माने जाने वाली ये खूबसूरत झील पर्यटन का मुख्य आधार है। ये झील ही नगरवासियों की पेयजल आपूर्ति का एकमात्र माध्यम भी है। नैनीताल में हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं और नैनीझील में नौकायन का आनंद उठाते हैं। इसके साथ ही यहां के स्थानीय लोग, पर्यटक और स्कूलों तक, पीने के पानी की आपूर्ति इसी झील से होती है।

जल संस्थान ने पानी बचाने के लिए सप्लाई में रोस्टिंग शुरू कर दी है। विभाग अब केवल 10 एम.एल.डी.पानी की सप्लाई कर रहा है, जबकि शहर को 22 एम.एल.डी.पानी की जरूरत है।

अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक नैनीताल में बहुत कम बरसात और बर्फबारी हुई है, जो एक बड़ी चिंता का विषय है।

आकड़ों की माने तो नैनीझील का जलस्तर पिछले वर्ष 25 मार्च तक 4.4 फ़ीट था, जबकि इस वर्ष 25 मार्च तक 4.2 फ़ीट है, जो लगभग 2 इंच के आसपास गिर गया है।

वहीं 5 वर्षो की तुलना करें तो 25 मार्च तक के ये आंकड़े रहे हैं।

2020 में 7 फ़ीट

2021 में 2.1 फ़ीट

2022 में 7.4 फ़ीट

2023 में 5.1 फ़ीट

2024 में 4.4 फ़ीट

2025 में 4.2 फ़ीट है।

लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता बीरेंद्र कुमार का भी मानना है की बरसात ना होने से झील का जलस्तर गिर रहा है, जो एक बड़ी चिंता का विषय है। साथ ही पर्यटकों की भारी भीड़ का नैनीताल में आने से पानी की खपत बढ़ जिससे जलस्तर गिर गया।

उन्होंने कहा की विभाग ने सभी नालों और गधेरों की सफाई की है, ताकि बरसात होते ही पानी नाले के माध्यम से नैनीझील पहुंचे। उन्होंने बताया कि झील से डिसिल्टिंग के लिए डी.पी.आर.तैयार की जा रही है, जिसकी टेंडर प्रक्रिया भी हो चुकी है और धन आवंटन के बाद डिसिल्टिंग का कार्य भी शुरू किया जाएगा

 

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