9.2 C
London
Wednesday, December 25, 2024

नौकरी की दौड़ या मौत की रेस? अब तक 12 अभ्यर्थियों की गयी जान, सामने आ रहे ये 3 कारण

- Advertisement -spot_img
spot_img
spot_img

भोंपूराम खबरी। झारखंड में उत्पाद सिपाही बहाली को लेकर दौड़ की प्रक्रिया चल रही है. इस दौरान लगातार अभ्यर्थियों की तबीयत खराब हो जा रही है. आलम यह है कि नौकरी का सपना संजोकर सिपाही बहाली में दौड़ के लिए पहुंचे अभ्यर्थियों की जान तक चली जा रही है. झारखंड उत्पाद सिपाही बहाली की फिजिकिल परीक्षा के दौरान अब तक 12 अभ्यर्थियों की मौत हो गयी है. वहीं 100 से अधिक अभ्यर्थी बीमार हैं और अपना इलाज करवा रहे हैं. इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आखिर अभ्यर्थियों की मौत क्यों हो रही है? बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि ये सरकार जॉब नहीं मौत दे रही है।

वहीं उत्पाद सिपाही भर्ती के दौरान 12 अभ्यर्थियों की मौत की बाद अब पुलिस मुख्यालय और राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गयी है. झारखंड पुलिस मुख्यालय की तरफ से दिशा निर्देश जारी किए गए है. खासतौर से चयन सेंटर के पास जहां अभ्यर्थी मौजूद रहते हैं, वहां पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराए जाने का निर्देश दिया गया है. वहीं मेडिकल टीम के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में बेड और दवाओं की भी व्यवस्था करने की बात भी कही गयी है. अभी तक के जांच के मुताबिक अभ्यर्थियों की मौत के पीछे की मुख्यतः 3 वजह सामने आ रही हैं. हालांकि ठोस कारणों अब तक पता नहीं चल पाया है।

जांच के बाद होगा असल खुलासा

मामले की जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता अमोल वी होमकर ने बताया कि अब तक हुई शारीरिक चयन प्रक्रिया में 127732 अभ्यर्थी शामिल हो चुके हैं, जिसमे 78023 अभ्यर्थी सफल हुए हैं. इसमें 56441 पुरुष अभ्यर्थी जबकि महिला अभ्यर्थीयों की संख्या 21582 है. उन्होंने बताया कि जिन अभ्यर्थियों की मौत हुई है उसको लेकर यूडी केस दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच भी की जा रही है ताकि पता चल सके कि अभ्यर्थियों की मौत किन कारणों से हुई.

मामले पर राजनीति भी तेज

वहीं अभ्यर्थियों की मौत पर विपक्षी दल बीजेपी ने भी वर्तमान सत्ताधारी दल को घेरा है. मामले को लेकर राज्य सभा सांसद आदित्य साहू ने सरकार की नियुक्ति नियमावली पर ही सवाल उठाया है और मांग की है कि मृतक अभ्यर्थियों के आश्रितों को 50 लाख का मुवावज़ा और उनके आश्रितों को नौकरी दी जाए. वहीं सत्ताधारी दल जेएमएम के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि इस तरह के मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार मामले को लेकर गंभीर है और मृतकों के परिजनों के प्रति भी संवेदनशील है.

Latest news
Related news
- Advertisement -spot_img

Leave A Reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Translate »