Friday, December 19, 2025

नगर निगम के 71 कार्यों का टेंडर बना सवालों के घेरे में, पारदर्शिता पर गंभीर आरोप

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भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। नगर निगम रुद्रपुर द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए जारी किए गए 71 निर्माण कार्यों के टेंडर अब गंभीर सवालों के घेरे में आ गए हैं। निगम द्वारा जारी निविदा सूचना के अनुसार इन कार्यों का टेंडर 16 दिसंबर को घोषित किया जाना था। लेकिन आज 18 दिसंबर को यह टेंडर निगम कि जगह एक निजी प्रतिष्ठान में जमा किए जा रहे हैं।इन दो दिनों में ही टेंडर प्रक्रिया में बड़े स्तर पर धांधलेबाजी और चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के आरोप सामने आए हैं।

 

सूत्रों और शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया को कागजों में पारदर्शी दिखाने के बावजूद जमीनी स्तर पर पूरी व्यवस्था “पूल सिस्टम” के जरिए संचालित की गई। आरोप है कि कुछ ठेकेदार पहले से समूह बनाकर निविदा प्रक्रिया में शामिल होते हैं और बाद में ठेका तयशुदा ठेकेदार को ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसके एवज में समूह या पूल में शामिल अन्य ठेकेदारों को कार्य राशि का करीब छह प्रतिशत हिस्सा कमीशन के रूप में दिया जाता है।

 

सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि ये टेंडर नगर निगम कार्यालय से विधिवत रूप से जारी और जमा होने के बजाय आवास विकास क्षेत्र स्थित एक निजी फर्म के माध्यम से बांटे और प्रबंधित किए गए। यदि यह आरोप सही हैं, तो यह न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि पूरी निविदा प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े करता है।

 

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि जिस निगम की जिम्मेदारी शहर के विकास और जनहित कार्यों को पारदर्शी ढंग से पूरा करना है, वही निगम अब संदेह के घेरे में है। ईमानदारी और सुशासन का दावा करने वाले अफसरों और जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।

 

मांग उठ रही है कि पूरे टेंडर प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए, निजी फर्म की भूमिका स्पष्ट की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, ताकि नगर निगम की साख और सार्वजनिक धन की जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

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