भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। जिले में इस बार भी आम की भरपूर पैदावार हुई है और इस बार करीब 23 हज़ार मीट्रिक टन आम का उत्पादन हुआ है। अमूमन ऐसा कम ही होता है कि लगातार दो वर्षो तक आम की अधिक पैदावार हो। इस वर्ष फलों के राजा आम का इतना जबरदस्त उत्पादन हुआ है कि क्षेत्रीय बाज़ारो में ही नहीं बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी यहाँ से आम भेजे जा रहे हैं। फलों के बाजार में आम की ही सर्वाधिक मात्रा उपलब्ध है। हालांकि कोरोना कर्फ्यू के चलते आम की बिक्री में थोड़ी कमी जरुर देखी जा रही है।
गर्मियों के मौसम की शुरुआत से ही बाजार में फलों के राजा आम की दस्तक दर्ज हो जाती है। शुरुआत में जिले में दूसरे राज्यों से आम मंगाए जाते है | जिस कारण आमों का मूल्य 200 से 300 रुपये प्रति किलो तक रहता है । जबकि वर्तमान में आम की पर्याप्त मात्रा होने के कारण 10 रुपये प्रति किलो के न्यूनतम मूल्य से लेकर 120 रुपये प्रति किलो के अधिकतम मूल्य पर बाजार में बेचे जा रहे है। फल विक्रेता राजू के मुताबिक बाजार में सफेदा 80 रुपये प्रति किलो और केसर आम 120 रूपये प्रति किलो सबसे महंगे दामों पर बेचे जा रहे है | जिला उद्यान अधिकारी हरीश चंद्र तिवारी ने बताया कि जले में इस बार 5.5 हजार हेक्टेयर भूमि पर आम की खेती की गयी थी, जिसमें जिले भर से 23 हजार मीट्रिक टन आम का उत्पादन हुआ है। उन्होंने बताया कि जिले में लंगड़ा, चौसा, आम्रपाली और दशहरी आमो का उत्पादन अधिक मात्रा मे किया जाता है। दशहरी और लंगड़ा बाजार में 30 से 40 रूपये प्रति किलो के भाव बेचे जा रहे है। जबकि आम्रपाली और चौसा आम के लिए लोगो को जुलाई तक का इंतज़ार करना पड़ेगा।