
विक्रम केशरी,भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। कोरोना महामारी के कारण सम्पूर्ण राज्य लगभग डेढ़ माह से कर्फ्यू की बेड़ियों में जकड़ा हुआ है। लगातार बढ़ते लॉकडाउन से क्षेत्र के छोटे और मंझोले कारोबारियों की आर्थिक संकट की आह सुनाई देने लगी है। वर्तमान हाल से गुजरते हुए परिवार पालना मुश्किल हो रहा है। लेकिन गरीब वर्ग के लोगों को किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं मिल पा रहा है जिस कारण वह लॉकडाउन से ज्यादा परेशान हैं। बीते कुछ दिनों से शहर के व्यापारी भी लॉकडाउन में छूट देने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं व शासन-प्रशासन को इस मांग का ज्ञापन सौंप रहे हैं।

उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर में करीब 50 फीसदी लोग रोज कमाने-खाने वाले में से हैं। बड़े व्यापारी तो अपनी बचत में से सारे खर्च पूरे कर ले रहे हैं। लेकिन छोटे व्यापारी और मजदूर परिवारों की कमाई का जरिया बंद है। इन परिवारों का कहना है कि बचत की कमाई 15 दिन से किराना सामान, सब्जी की पूर्ति करते समाप्त हो चुकी है। ऐसे में अब इस समस्या को देखते हुए लोगों की गुहार है कि प्रशासन को लॉकडाउन के अतिरिक्त अन्य विकल्पों पर भी ध्यान केंद्रित कर विचार करना चाहिए। पिछले साल आर्थिक संकट से लोग उबर भी नहीं पाए हैं कि दोबारा वही स्थिति बनती जा रही है।
शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार जरूरी सामानों को छोड़कर बाकी सभी दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया गया था। हालांकि कुछ दिन पूर्व शासन ने इसमें ढील देकर थोड़ी राहत जरूर दी है। लेकिन अब भी शहर के अधिकांश व्यापारी, सैलून, मोची, ठेले एव पान खोखा जैसे छोटा व्यापार करने वालों को व्यापार करने की अनुमति नहीं दी गई है। जिसके चलते नगर में सैकड़ों लोगों के सामने अब जीवन यापन को लेकर समस्या खड़ी हो गई है। वहीं वित्तीय हालत खराब होते देख अब इन लोगों ने स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
नगर में पान ठेला का संचालन करने वाले दर्जनों हैं, उन्हीं में से एक तिलकेश्वर प्रसद ने बताया कि इस महामारी से उसके धंधे पर भी काफी असर पड़ा है। करीब डेढ़ माह से दुकान बंद के होने से वित्तीय संकट खड़े होने लगा है। प्रशासन द्वारा राशन तो जरूर दिया गया है, लेकिन उसके अलावा हो रहे खर्च से अब उनके सामने पैसे की तंगी होने लगी है।
नगर में ठेला लगाने वाले सुभाष रस्तोगी ने बताया कि लॉकडाउन से अब तक उसने कोई भी कमाई नहीं की है। जबकि उससे पहले ठेला लगाकर जमा की गई पूंजी भी अब खत्म होने लगी है। यदि जल्द ही व्यापार फिर से शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई तो उसके सामने परिवार के पेट भरने की समस्या खड़ी हो जाएगी।
दूसरों के टूटे जूते-चप्पल को सुधार कर अपना घर चलाने वाले गंगाराम ने बताया कि लॉकडाउन से उन्हें भी काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। एक तो वैसे ही उनके काम से सामान्य दिनों में घर चलाना मुश्किल होता है और ऐसे में लॉकडाउन की वजह से दुकान बंद होने से उनकी वित्तीय हालत बेहद खराब हो गई है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस मुश्किल वक्त में मदद की गुहार लगाई है।
नगर में सैलून का संचालन करने वाले वसीम मोहम्मद ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उनकी दुकान शुरुआत से बंद पड़ी है। दुकान बंद होने से उसके आय का स्रोत बंद हो गया है, जबकि खर्च हर माह के जैसे ही हो रहा है। ऐसे में जल्द ही दुकान शुरू नहीं की गई तो उसके जैसे दर्जनों सैलून वालों पर भारी संकट आ जायेगा।
हमने मुख्यमंत्री को इस विषय में ज्ञापन दिया है। बुधवार को ताली-थाली बजाकर प्रदर्शन भी किया। लेकिन लगता है कि सरकार व्यापारी वर्ग के हित को नजरअंदाज कर रही है। जब लोगों के पेट में भोजन नहीं होगा तो शहर में अराजकता बढ़ेगी। सरकार को तत्काल व्यापारियों व लघु व्यवसायियों को राहत देनी चाहिए। —– संजय जुनेजा ,, अध्यक्ष उद्योग व्यापर मंडल रुद्रपुर