भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। शुक्रवार से कार्य बहिष्कार पर गए संविदा कर्मियों की वजह से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के साथ स्वास्थ्य विभाग की कार्य क्षमता पर असर पड़ने लगा है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोजाना जारी होने वाला कोरोना बुलेटिन भी मंगलवार को जारी नहीं किया जा सका।
यही नहीं बल्कि कोरोना से जुड़े अन्य मामलों की जानकारी भी इन्ही संविदा कर्मियों के माध्यम से एकत्रित की जा रही थी। हड़ताल पर गए संविदा कर्मियों का कहना है कि उनकी सभी समस्याओं का कारण राज्य सरकार की अनदेखी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कार्मचारी संगठन उत्तराखण्ड के तत्वाधान में एनएचएम में कार्यरत कार्मिको ने अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार करने का फैसला लिया था। जिसके चलते विभाग में अधिकांश कार्य थम गए है। बता दे कि इन मांगों में गोल्डन कार्ड की सुविधा, वेतन विसंगति, लॉयल्टी बोनस, कर्मी की सेवा के दौरान मृत्यु होने पर परिवार को रोजगार और आर्थिक सहायता देने के अलावा वार्षिक वेतन को 5 प्रतिशत से बढ़ा कर 10 प्रतिशत तक किये जाने जैसे मुद्दे शामिल है। संविदा कर्मी मनोज ने बताया जिले के 350 और पूरे राज्य से करीब 2500 एनएचएम कार्मिकों ने मांगे पूरी न होने तक कार्य बहिष्कार का फैसला लिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेंद्र पंचपाल ने कहा कि मामला राज्य सरकार के अधीन है। हालांकि कार्मिको से बातचीत की जा रही है। डॉ पंचपाल के मुताबिक करीब 60 कार्मिकों के कार्य बहिष्कार करने कार्य का भार कई गुना बढ़ गया है।