भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। शहर में लोगों को ऋण देने वाली कंपनियों के एजेंटों की गुंडागर्दी खुलकर सामने आने लगी है। निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों को वाहन स्वामी बनाने के नाम उन्हें ऋण देकर मोटा ब्याज वसूलने वाली कंपनियां किश्त टूटने पर अब वसूली के लिए बदमाशों का सहारा ले रही है। यह हालात तब है जब कोरोना काल के सबसे अधिक मार निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों ने झेली हैं और उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चली है। शहर की कोतवाली में इस तरह की शिकायत लेकर रोजाना दर्जन भर लोग पहुँच रहे हैं।
शहर में खुलेआम लूट की जा रही हैं लेकिन पीड़ित बदनामी के डर से कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। लोनदाता कंपनियों के वसूली एजेंट गुंडई दिखाते हुए इन लोगों से कहीं पर भी वाहन छीनने में कोताही नहीं बरतते। चाहे सड़क हो या घर यह बदमाश प्रवृत्ति में लोग उनका सामान छीन लेते हैं और सरेआम ना सिर्फ पिटाई करते हैं बल्कि पुलिस का झूठो रौब भी ग़ालिब करते हैं। मोटर-कार फाइनेंस के नाम पर सीधे साधे मासूम लोगो को ठगने का खेल जारी है।
शहर की सड़कों पर आये दिन युवकों को लोगो से मोटरसाइकिल छीनते और मारपीट करते आसानी से देखा जा सकता हैं। ये लोग अलग-अलग फाइनेंस कम्पनी के रिकवरी एजेंट्स हैं। इनका काम किश्त न देने वाले लोगो से रिकवरी करना हैं और वो भी बदमाशी के साथ। बदमाश किस्म के यह रिकवरी एजेंट लोन धारकों को रोड पर रोक कर उनकी गाड़ियां छीनने का प्रयास करते हैं और विरोध करने पर गाली गलौज व मारपीट करते हैं। फोन पर बदसलूकी करते हैं। इसके अलावा जबरदस्ती लोगों से गाड़ियां छीन कर ले जाते हैं और फिर मनमाने ढंग से ब्याज लगाकर उनसे वसूली करते हैं। रकम का भुगतान न होने पर लोगों के दफ्तरों में, परिवारों के सामने, सड़कों पर, दोस्तों के सामने, यहां तक कि घर जाकर भी गुंडागर्दी कर गाली गलौज करते रहते हैं और तरह-तरह से धमकी देते हैं। जबकि भारतीय कानून के अनुसार फाइनेंस करने वाली किसी कंपनी को फाइनेंस की गई संपत्ति को छीनकर रखने का कोई अधिकार नहीं है। लेकिन भोली भाली जनता को क़ानून कि जानकारी का ज्ञान न होने का फायदा उठाते हुए फाइनेंस कंपनियों ने बरेली व आसपास के क्षेत्र के कुछ गुंडा प्रवृत्ति के लोगों को बुलाकर लोगों का उत्पीड़न करने के लिए शहर में छोड़ रखा है। इस संदर्भ में जब कानूनी सलाहकारों की राय ली गई तो वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र गिरधर ने बताया कि कोई भी कानून ऐसा नहीं है कि सड़क पर चल रहे व्यक्ति से उसकी गाड़ी को छीनकर जब्त कर लिया जाए या उसके साथ गाली गलौच या मारपीट की जाए। लोन का पैसा जमा ना होने की स्थिति में नियमानुसार वसूली के लिए तहसील प्रशासन को आरसी काटने के लिए लिखा जाता है। फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारी किसी भी तरह के नियम को ना मानते हुए सिर्फ गुंडागर्दी करते हैं और आपराधिक किस्म के लोगों को साथ रख रहे हैं जिससे शहर में लोगों में भय व्याप्त है।
हालांकि इस पूरे मामले में जब पुलिस अधिकारियों से जानकारी ली तो उनका कहना था कि कुछ शिकायतें आई हैं और इसमें जांच की जा रही है। इसके उपरान्त उचित कार्रवाई की जाएगी।