14 C
London
Saturday, July 27, 2024

पंतनगर में आयोजित चार दिवसीय मेले का राज्यपाल ने किया फीता काटकर शुभारंभ

- Advertisement -spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

भोंपूराम खबरी,पंतनगर। गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में आयोजित 4 दिवसीय 109वां अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शिनी का राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने फीता काटकर उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होने स्टालों का निरीक्षण किया व कृषि से जुड़ी उन्नतशील प्रजातियों व कृषि उपकरणों की खासियत जानी। साथ ही वैज्ञानिकों को उन्नतशील प्रजातियों व कृषि उपकरणों को किसानों तक पहुचाने को कहा। वही राज्यपाल ने स्वंय सहायता समूहांे की महिलाओं द्वारा उत्पादित हल्दी और लाल गुलाल की खरीददारी भी की। इस अवसर पर राज्यपाल को विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ तेज प्रताप सिंह ने स्मृति चिन्ह एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया।                                                           पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अखिल भारतीय 4 दिवसीय 109वां अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शिनी का राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने करते हुए गांधी हाल में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि जिस तरह से प्रदेश के विभिन्न स्थानों से कृषक यहाँ पहुँचे है, इससे लगता है कि हमारा किसान कृषि के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि आज भी हमारा अन्नदाता 80 प्रतिशत गाँवो में निवास करता है, जिसके कारण पूरे देश में हमारी अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में भी जो किसान काम कर रहा है, वह मन लगाकर काम करे और देश की उन्नति में अपना योगदान देते हुए अपने आप को आत्मनिर्भर बना सके। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री चाहते हैं कि किसान को उसके द्वारा उत्पादित फसल का सही दाम मिल सके ताकि किसान को कर्ज न लेना पड़े व उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोविड-19 के दौरान लोगों ने खेती को बढ़ावा दिया है वह भविष्य के लिए अच्छे संकेत है। उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता ही नहीं बल्कि देश का प्राणदाता भी है। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा किसानों का मान सम्मान करती हूं। उन्होंने कहा कि जड़ी-बूटी के मामले में उत्तराखंड राज्य पूरी तरह से समृद्ध है। बाहर की कम्पनिया जड़ी- बूटी से सम्बंधित उत्पाद तैयार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना है तो जड़ी-बूटी से जुड़े उत्पाद तैयार करना होगा, इसके लिए स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षण दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि व्यवहारिकता में जीना सीखो वही जीवन है, हम देवभूमि में रहते हैं हमे ईश्वर के आशीर्वाद से अपार सम्पदायें मिली है। इस दौरान राज्यपाल द्वारा पद्मश्री प्रेम चन्द्र शर्मा को सम्मानित भी किया गया और कृषि से सम्बंधित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।

किसान मेले के शुभारंभ पर कृषक संवाद कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। जिसमें राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने प्रदेश में लगातार भू-जल स्तर पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हम कैसे जल का संरक्षण करे इस पर कार्य करने की जरूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ी को पानी की कमी न हो। उन्होंने कहा कि आज जो छोटे छोटे बच्चे विभिन्न प्रकार की गम्भीर बीमारियों से प्रभावित हो रहे हैं। इसका कारण रासायनिक उर्वरकों का लगातार हो रहे इस्तेमाल करना है। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल न करते हुए खेती में जैविक खाद का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आदमी की आमदनी कैसे बढ़े इस प्रकार सरकार लगातार काम कर रही हैं। वही इस संवाद के माध्यम से जो भी सवाल उठाये गये है, उन सभी बातों पर गम्भीरता से विचार किया जाएगा।

मेले में विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों, विश्व विद्यालय के द्वारा वाह्य शोध केन्द्रों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विभिन्न फर्मों द्वारा अपने-अपने उत्पादों एवं तकनीकों व ट्रैक्टर, कम्बाइन हार्वेस्टर, पावर ट्रिलर, पावरप वीडर, प्लान्टर मशीन, सब-स्वायलर, सिंचाई यंत्रों एवं अन्य आधुनिक कृषि यंत्रों व खरीफ की विभिन्न फसलों यथा धान, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, सोयाबीन इत्यादि के बीजों की बिक्री एवं विभिन्न शोध केन्द्रों द्वारा उत्पादित सब्जियों, फूलों, औषधीय व संगध पौधों, फलों इत्यादि के पौधों व बीजों की बिक्री भी की गई, साथ ही कृषि निवश जैसे-खाद, उर्वरक, बीज, पशु आहार, पशुचिकित्सा, कीट एवं रोग के नियंत्रण हेतु रासायनिक एवं जैविक उत्पाद, नर्सरी उत्पाद इत्यादि से सम्बन्धित फर्मों द्वारा भी अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।

इस अवसर पर प्रदीप कुमार मौर्य, क्षेत्रीय विधायक राजेश शुक्ला, खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी, जिलाधिकारी रंजना राजगुरु, प्रसार निदेशक अनिल कुमार, अपर जिलाधिकारी उत्तम सिंह चैहान, उपजिलाधिकारी आईएएस विशाल मिश्रा, प्रशिक्षु आईएएस जय किशन, तहसीलदार डॉ अमृता शर्मा, कृषक भारत भूषण त्यागी, नरेन्द्र सिंह मेहरा, माया नेगी, सुरेन्द्र सिंह कुण्डरा, मनमोहन सिंह, भगत दर्शन सिंह आदि उपस्थित थे।

पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित किसान मेले से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे वैज्ञानिकों ने दूरी बनाये रखी। अपने पूर्व निर्धारित निर्णय के अनुसार पूटा से जुड़े वैज्ञानिको ने किसान मेले का बहिष्कार किया। वैज्ञानिको के कार्य बहिष्कार के चलते मेले में विभिन्न स्टाॅलो पर कृषको को वैज्ञानिको की जगह कर्मचारी और छात्र ही जानकारी देते रहे। जिससे कुछ जगह पर किसानो को पूर्ण जानकारी नहीं मिलने से मायूसी भी हुई। बता दे कि अपने प्रोन्नति, सातवां वेतन, परियोजनाओं में कार्यरत कर्मचारियो के समायोजन इत्यादि मांगो को लेकर पंतनगर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (पूटा) के बैनर तले शिक्षक व वैज्ञानिक पिछले 19 मार्च से हड़ताल पर है। पूटा के अध्यक्ष पीएन सिंह ने कहा कि जब तक शिक्षकों की मांगे पूरी नहीं होती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही किसान मेले का बहिष्कार भी किया जाएगा। जिसमे कोई वैज्ञानिक कार्य नहीं करेगा। उन्होने बताया कि मेले के उद्घाटन के लिए पहुंची राज्यपाल को भी शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराया गया है। जिस पर उन्होने वित्त सचिव से वार्ता का आश्वासन दिया है। वहीं शिक्षकों ने विवि प्रबंध परिषद के सदस्य एवं विधायक पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात कर समस्याओं के समाधान की मांग की।

पंतनगर में आयोजित अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह के अवसर पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य एवं कुलपति डा. तेज प्रताप एवं प्रबंध परिषद के सदस्य पुष्कर सिंह धामी ने गांधी हाल में खेती में अभिनव प्रयोग करने और उल्लेखनीय सफलता के लिए राज्य के विभिन्न जनपदों से चुने गये 09 प्रगतिशील कृषकों को प्रतीक चिन्ह व प्रमाण.पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले किसानों में देवेन्द्र कुमार, ग्राम हरीपुरा नरसिंह डाडा, जिला चम्पावत, रवि किरण सैनी, ग्राम रायपुर, जिला हरिद्वार, पुष्कर सिंह गोबाड़ी, ग्राम गेठीगढ़ा, जिला पिथौरागढ़, भक्तदर्शन सिंह रावत, ग्राम चैण्डा, जिला चमोली, माया नेगी, ग्राम गिन्तीगांव जिला नैनीताल, परमवीर सिरोही ग्राम ढाकी जिला देहरादून, गोपाल दत्त उप्रेती ग्राम बिल्लेख जिला अल्मोड़ा, बलकार सिंह ग्राम दोहरी परसा जिला ऊधमसिंह नगर एवं राकेश सिंह पंवार ग्राम नाला जिला रूद्रप्रयाग शामिल थे।

विश्वविद्यालय में नवनिर्मित अतिथि गृह रूद्राक्ष भवन का लोकार्पण राज्यपाल बेबी रानी द्वारा किया गया। इस अतिथि गृह का उपयोग विश्वविद्यालय में आये राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शिक्षक एवं अतिथियों के लिए किया जाएगा। इस भवन में कुल 58 कमरे हैं जिसमें एक कक्षीय 52 तथा द्विकक्षीय 6 कमरे हैं। वही राज्यपाल ने पंतनगर के ई-कंटेंट पोर्टल का भी शुभारंभ बटन दबाकर किया। इसके उपरान्त महामहिम राज्यपाल ने रुद्राक्ष भवन के प्रांगण में रुद्राक्ष पौधे का रोपण भी किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. तेज प्रताप, अधिष्ठाता कृषि, डा. एसके कश्यप, सहायक निदेशक निर्माण एवं संयंत्र ई. एसके गोयल, निदेशक संचार डॉ एसके बंसल एवं अन्य वैज्ञानिक तथा अधिकारी उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किसान मेले के प्रथम दिन महामहिम राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के स्टाल का उद्घाटन कर स्टाल का भ्रमण किया। जहां उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों के उपयोग हेतु विकसित ड्रोन तकनीक की जानकारी ली।

भ्रमण के दौरान अधिष्ठात्री, प्रौद्योगिकी डा. अशोक अलकनन्दा ने बताया कि ड्रोन तकनीक के माध्यम से किसान अपनी फसलों को बंदर एवं अन्य जगंली जानवरों से बचाने के साथ-साथ फसलों में लगने वाले रोंगों, कीटों की समय पर जानकारी एवं उनके बचाव हेतु किए जाने वाले प्रतिरोधी छिड़काव, मृदा के स्वास्थ्य, मृदा नमी, बीज रोपड़, फसल निगरानी, फसल उत्पादन, फसल स्वास्थ्य की पूर्व में ही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ड्रोन में लगे विभिन्न सेंसरों के प्रयोग से फसलों एवं मृदा से संबंधित डेटाबेस का विषलेषण कर किसान अपनी फसल एवं मृदा से संबंधित जानकारी प्राप्त कर उनका समय से निदान कर सकेंगे। साथ ही फसल से अधिक आय भी अर्जित कर पायेंगे।

डा. अलकनन्दा ने लघु एवं सीमांत कृषकों हेतु विकसित पोर्टेबल कोल्ड स्टोरेज की जानकारी भी दी और बताया कि यह अल्प लागत में निर्मित एक सोलर सिस्टम पर आधारित पोर्टेबल कोल्ड स्टोरेज है। जो सोलर एनर्जी तथा रात्रि में नेचुरल कूलिंग सिस्टम तकनीक के माध्यम से संचालित होता है जिसमें किसान मशरूम, फल एवं सब्जियों आदि फसलों को लंबे समय तक संरक्षित कर सकते है। उन्होंने बताया कि स्टाल पर कोल्ड स्टोरेज अलग-अलग के साईज में किसानों हेतु प्रदर्शित है। साथ ही विद्युत आपूर्ति की आवश्यकता न होने, हल्का होने की वजह से इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। यह पर्वतीय क्षेत्रों के छोटी जोत वाले किसानों हेतु बहुउपयोगी है।

किसान मेले के दौरान प्रसार शिक्षा में कार्य करने वाले सेवानिवृत्त पूर्व प्राध्यापक डॉ आरएन त्रिखा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। उन्हे यह अवार्ड प्रसार शिक्षा में किये गये उन्नत कार्य के लिए दिया गया है। इस दौरान उन्हे शाॅल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

Latest news
Related news
- Advertisement -spot_img

Leave A Reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Translate »