भोंपूराम खबरी। अपराध रोकने और अपराधियों की पहचान आसान करने के लिए उत्तराखंड में लगातार नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम को विकसित किया है। इसकी मदद से अपराधियों को जल्द पकड़ने और अपराध के मामलों को सुलझाने में मदद मिल रही है। इस पोर्टल पर उत्तराखंड पुलिस ने इस साल अब तक 7,666 अपराधियों की कुंडली तैयार कर ली है। पिछले साल राज्य में 10,685 गिरफ्तार लोगों की कुंडली बनाई गई थी। डीआईजी पुलिस एंड कॉड्रनाइजेशन सेंथिल अबुदेई कृष्णराज एस के मुताबिक पोर्टल में एक नया लाफ फार्म तीन जोड़ा गया है। बस एक क्लिक में ही अपराधियों की पूरी जानकारी कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगी। इस व्यवस्था से अपराधियों पर शिकंजा कसने में बड़ी मदद मिलेगी।
अन्य राज्यों की पुलिस को भी मिलेगी मदद
अपराधिक मामलों में गिरफ्तार होने वाले सभी आरोपियों का थानों से एनएएफआईएस पोर्टल डाटा अपडेट किया जाता है। उत्तराखंड में इस पोर्टल पर अब तक 18 हजार से अधिक अपराधियों की कुंडली तैयार की जा चुकी है। अपराधियों की कुंडली को अन्य राज्यों की पुलिस भी मदद के लिए उपयोग कर सकती हैं।