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Saturday, July 27, 2024

सुपरटेक,एस़ोटेक ने 200 करोड़ से ज्यादा रुपए पर मारी कुंडली

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भोंपूराम खबरी,रूद्रपुर। पंतनगर सिडकुल की स्थापना के बाद रेजीडेंसी कालौनी के लिए देश की सबसे भष्ट कंपनी एसोटेक सुपर को एलोट हुई करीब 47 एकड़ जमीन में बड़ा खेल हुआ है। जमीन मनकों को ताक में रखकर दी गयी है,तो सुपरटेक,एस़ोटेक आज भी सिडकुल का करीब करोड़ रुपया दवाएं बैठी है। कालौनी के 80। प्रतिशत फ्लैटों की अभी भी भले ही रजिस्ट्री नहीं हुई हो, लेकिन उनकी खरीद फरोख्त का खेल जारी है, जिससे सरकार को बड़ा घाटा हो रहा है। सुपरटेक हो रही इस मेहरबानी में सरकार के साथ ही सिडकुल,सीडा,रेरा, रजिस्ट्री कार्यालय सब की शामिल बताया जा रहे हैं। उत्तराखंड की स्थापना के बाद पंतनगर में स्थापित हुए सिडकुल के 2006-07 नैनीताल हाईवे से सटी करीब। 47 एकड़ जमीन रेजीडेंसी कालौनी बनाने के लिए सुपरटेक एस़ोटेक को एलोट की गयी थी, बताते हैं बाद में सीडा ने सुपरटेक एस़ोटेक पर मेहरबानी करते हैं, 10प्रतिशत जमीन कालौनी को व्यवसायिक उपयोग के लिए निःशुल्क यूज करने की अनुमति दे दी। जिसपर एसोटेक सुपरटेक ने माल और होटल स्थापित कर दिया है। जबकि नियम के अनुसार यदि सिडकुल रेजीडेंसी के लिए दी गरी जमीन को व्यवसायिक में देती तो सिडकुल को करोड़ों रुपया का राजस्व प्राप्त होता। लेकिन उसपर सिडकुल ने यह मेहरबानी विना राज्स्व के वसूली के ही कर दी। जो अपने आप में सिडकुल,और सीडा पर बड़े सवाल खड़े कर रही। इधर सुपरटेक ने सिडकुल के करीब 100 दबा लिया जो आज तक चुकता नहीं है। 2006 से इस रुपया का अब तक ब्याज जोड़ा जाये तो यह करीब 200 करोड़ रुपया बनता है। सिडकुल ने इस बीच सुपरटेक एस़ोटेक में बने फ्लैटों की रजिस्ट्री बंद कर दी। लेकिन फ्लैटों की स्टांप पर ब्रिकी आज भी जारी है। बताया जाता कि एक एक फ्लैट 10-10 बार बिक चुका है,एक बार फ्लैट ब्रिकी का सुपरटेक एस़ोटेक प्रबंधन एक लाख रुपया वसूल करता है।यदि इसकी रजिस्ट्री होती तो यह पैसा सीधे सरकार के खाते में जाता है। लेकिन इसका फायदा सुपरटेक उठा रहा है। कंपनी पर कई और बड़ी अनियमिताओं के आरोप लग रहे हैं।जिससे सरकार को बड़ा नुक़सान हो रहा है। बताया जाता कि सुपरटेक एस़ोटेक देश की सबसे बड़ी भष्ट कंपनी है।यूपी सरकार कंपनी पर बड़ी कार्रवाई भी कर चुकी है, लेकिन उत्तराखंड में 200. करोड़ से ज्यादा रुपया दवाने के बाद लगातार अनियमितता बरत रही कंपनी पर सरकार और विभाग खासे मेहरबान है।सीए एवं मैट्रोपालिस वैलफेयर आनर एसोसिएशन के सचिव राजीव भटनागर की माने तो सुपरटेक एस़ोटेक पर सिडकुल,सीडा, रजिस्ट्री विभाग के साथ सरकार भी मेहरबान है।इसी बजह वह सरकार का 200 करोड़ से ज्यादा पैसा दवाकर भी अपनी कमाई कर रहा है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने रेरा से न तो रेजीडेंस कालौनी और न ही माल से नक्शा पास कराए हैं,इसके बाबजूद रेरा ने अब तक नियमों को ताक में रखकर विकसित हुई कालौनी और माल के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने इसे राज्य का सबसे बड़ा घोटाला करार देते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। 100 करोड़ का बकाया,आर एम सिडकुल. सिडकुल के आर एम कमल कपटियाल की मानें तो सुपरटेक पर करीब 100 करोड़ रुपया बकाया है।जिसको लेकर कई बार नोटिस के बाद कंपनी द्वारा पैसा जमा न करने पर रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गरी है। फिलहाल मामला राज्य कमेटी में चल रहा है।जिसके बाद कार्यवाही की जायेगी।

 

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