भोंपूराम खबरी। गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी पर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही पांच लाख का जुर्माना भी लगाया है। मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी कोर्ट ने दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना लगया है। आइए जानते हैं, किस मामले में माफिया मुख्तार अंसारी पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
ये है पूरा मामला
एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहे इस मामले में बीते 15 अप्रैल को फैसला आना था। न्यायाधीश के अवकाश में होने के चलते फैसला नहीं आ पाया था। ऐसे फैसले के लिए 29 अप्रैल को तारीख नियत की गई थी। वर्ष 2007 के इस मामले में बीते एक अप्रैल को बहस और सुनवाई पूरी कर ली गयी थी और 15 अप्रैल को फैसला होना था।
अफजाल अंसारी, मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहे इस केस में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड केस गैंग चार्ट में शामिल है। जबकि नन्दकिशोर रूंगटा के अपहरण और हत्या का केस भी गैंग चार्ट में शामिल है।
29 नवंबर 2005 को गाजीपुर के भांवरकोल थाना इलाके सियाड़ी गांव में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों पर एके-47 जैसे अत्याधुनिक असलहों से लगभग 400 राउंड से ज्यादा फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी। सातों लोगों का शव पोस्टमार्टम के लिए बीएचयू लाया जाने लगा तो भाजपा विधायक के समर्थक उग्र हो गए थे और जगह-जगह तोड़फोड़ व हिंसा की गई थी।
बलिया से लेकर मऊ, गाजीपुर और बनारस तक फूटा गुस्सा
भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद बलिया से लेकर मऊ, गाजीपुर और बनारस तक उनके समर्थकों में एक हफ्ते तक जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला था। अपने नेता की सनसनीखेज हत्या को समर्थक पचा नहीं पा रहे थे। नृशंस हत्याकांड के विरोध में समर्थकों ने जगह-जगह आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा की थी।
वहीं, वाराणसी शहर की बात करें तो यहां समर्थकों ने लंका, भेलूपुर, कमच्छा, सिगरा, इंग्लिशिया लाइन और लहुराबीर सहित कुछेक अन्य इलाकों में जमकर उपद्रव किया था। समर्थकों का आक्रोश देखते हुए कई निजी स्कूल और कॉलेज कुछ दिनों के लिए बंद कर दिए गए थे। इसके साथ ही गाजीपुर और बनारस में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था।