भोंपूराम खबरी। अवैध खनन के लिए जाना जाने वाला जिला ऊधम सिंह नगर, जिसके रोकथाम के लिए जहाँ प्रशासन हर संभव प्रयास करता है पर वही इस गंदे खेल में कई बार कई लोगों की जाने तक चली जाती हैं। ऐसे ही एक मामले में बाजपुर क्षेत्र के ग्राम गोबरा में अवैध खनन और दर्जनभर लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने 13 आरोपियों को सात-सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। वहीं आयुध अधिनियम धारा 25 में दोषी पांच को दो-दो साल की सजा से दंडित किया है। अदालत ने आदेश में कहा कि अभियुक्त सभी सजा एक साथ भोगेंगे। आरोपियों में एक बाजपुर गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी का अध्यक्ष कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा है। वह पूर्व में जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। किंदा पर पूर्व में भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
बाजपुर ग्राम गोबरा निवासी स्वयंवर सिंह ने तहरीर में कहा था कि 22 अक्टूबर 2009 को कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा अपने तकरीबन 12 साथियों के साथ जीप व दो ट्रैक्टर ट्रालियों व तीन डंपर के साथ ग्राम गोबरा में आ धमका। इस दौरान वह स्वयंवर सिंह व उसके रिश्तेदारों के खेतों से हथियारों के बल पर डंपरों में रेत भरने लगे। जब विरोध किया तब कुलविंदर सिर्फ किंदा ने गाली देते हुए अपने साथियों से गाड़ियों में से बंदूक व तमंचे निकालने को कहा। इस दौरान उसके साथी दिलबाग सिंह, देवेन्द्र सिंह उर्फ पिन्टू बाबा, रंजीत सिंह उर्फ मंगा, शेर सिंह उर्फ शेरू उर्फ पलविंदर सिंह, चानन सिंह, कृष्ण सिंह, गुरमीत सिंह, कुलवंत सिंह, कस्तूर सिंह उर्फ कस्तूरी सिंह, मंगा सिंह, सुखवंत सिंह उर्फ बिट्टू, कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा व जसपाल सिंह उर्फ पाल सिंह ने बंदूक उठा लिए। अन्य लोगों ने हाथों में तमंचे, पाटल व लाठी-डंडे निकाल लिए। जान से मारने की नियत से इन्होंने तमंचा, पाटल व लाठी-डंडों से हमला कर दिया। जिससे पूरन सिंह, सच्चा सिंह, दलीप कौर, आशा कौर, कृष्णा कौर, सरजीत कौर व कुलवीर सिंह व संतो कौर आदि के शरीर पर गोलियां लगी और कई गंभीर चोटें आई। बाद में कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध दर्ज किया। जिसके बाद हथियारबंद बदमाश भागने को मजबूर हो गए। मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था।