भोंपूराम खबरी। जी-20 के मंच से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर का ऐलान करके चीन के वन रोड वन बेल्ट परियोजना (बीआरआइ) की हवा निकाल दी है। इसके साथ ही वैश्विक अर्थमंच पर तेजी से उभरते भारत के बाजार को बुलेट की रफ्तार देने की उम्मीद जगा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कोरिडोर को दुनिया के 8 देश मिलकर बनाएंगे। यह भारत से इजरायल और यूरोप तक जाएगा। पीएम मोदी और जो बाइडेन के इस दांव से चीन के बाजार में भूचाल आ सकता है। वहीं दूसरी तरफ इस फैसले से दुनिया के तमाम देशों में भारत को व्यापार करना आसान हो जाएगा। साथ ही भारत-अमेरिका की साझेदारी नए मुकाम तक पहुंचेगी।
बता दें कि इस ऐतिहासिक इकोनॉमिक कोरिडोर में भारत के अलावा अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, सऊदी अरब, यूएई और यूरोपीय यूनियन शामिल होंगे। यह कोरिडोर भारत से जोर्डन और इजरायल तक जाएगा। उल्लेखनीयि है कि चीन ने इससे पहले बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) की शुरुआत की थी। जिसका मकसद मिडिल ईस्ट के बाजार पर दबदबा कायम करना था। हालांकि चीन की यह परियोजना पूरी तरह परवान नहीं चढ़ सकी। इस बीच भारत से यूरोप तक जाने वाले इन नए कोरिडोर के ऐलान से चीन को बड़ा सदमा लगा है। इसे भारत की बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। इस कोरिडोर का सबसे बड़ा फायदा भारत को होने वाला है। इससे भारत के विकसित होने और दुनिया के सबसे बड़े इकोनॉमी वाले देश होने का सपना भी साकार हो सकेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस इकोनॉमिक कोरिडोर का ऐलान करते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ियां इसे याद रखेंगी।