भोंपूराम खबरी,रूद्रपुर। कहते हैं प्रतिभा को कोई कितना भी दबा ले, दबता नहीं है। लेकिन, जब सामने एक नहीं कई परेशानियां हो तो हौसले पस्त होने लगते हैं।
आखिरकार गरीबी के आगे जिले की खेल प्रतिभा ने दम तोड़ ही दी। खेल अधिकारियों से लेकर विधायकों तक लगाई गई खिलाड़ियों की गुहार काम नहीं आई। वहीं, आर्थिक कमजोर वाले लोगों की मदद करने की दंभ भरने वाली जिले की सामाजिक संस्थाएं भी इनकी पीड़ा नहीं समझ पाई। आलम यह है कि दिनांक 24 से 28 फरवरी तक बैंकॉक थाईलैंड में अयोजित होने वाली सातवीं एशियन जु–जित्सू चैंपियनशिप में जिले के कमल सिंह और जय प्रकाश आर्थिक तंगी के कारण भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहे है।
उनके प्रशिक्षक ऋषि पाल भारती ने बताया कि प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे इन खिलाड़ियों की पीड़ा कोई नहीं सुन रहा है। अब तक स्वयं के पैसे से विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके ये खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा के लिए आयोजित चयन प्रतियोगिता में इसलिए शामिल नहीं हो पा रहे, क्योंकि इनके पास न तो किराया देने के लिए पैसा है।
और आगे उनके प्रशिक्षकों ऋषि पाल भारती ने बताया कि वह स्वयं भी पिछले 10 वर्षों से श्री दुर्गा मंदिर धरमशाला रुद्रपुर में निर्धन खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। और प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। और ज्यादातर वह अपने पैसों से ही खिलाड़ियों को राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करवाते हैं।
और उन्होंने आगे बताया कि कमाल और जय बहुत ही होनहार खिलाड़ी हैं जोकि राष्ट्रीय, साउथ एशिया एवं एशियन प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त कर चुके हैं। एवं उनकी मदद के लिए सोशल के माध्यम से अनेकों लोगों से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
सही समय पर इन दोनों खिलाड़ियों की मदद और साथ देना उनके लिए वरदान हो सकता है। भारत को उस खिलाड़ी की मदद करने पर गर्व होगा, जिसमें भारत के लिए पदक जीतने की चिंगारी और उत्साह है। लेकिन फिलहाल उनकी किस्मत अधर में लटकी हुई है।