भोंपूराम खबरी,गदरपुर। उत्तराखंड का समग्र राजनैतिक इतिहास नामक पुस्तक में बुक्सा जनजाति के लिए की गई अभद्र टिप्पणी से बुक्सा जनजाति में रोष व्याप्त है बुक्सा जनजाति के लोगों ने पुस्तक पर बैन लगाने की मांग की।
रविवार को उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी के प्राध्यापक द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड का समग्र राजनीतिक इतिहास में बुक्सा जनजाति के बारे में की गई अपमानजनक टिप्पणी से बुक्सा आदिम जनजाति कल्याण सेवा समिति ने रोष जताते हुए जनजाति के लोगों के साथ एक विशाल बैठक आहूत की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उक्त पुस्तक में की गई अमर्यादित टिप्पणी से बुक्सा जनजाति की भावनाओं को ठेस पहुंची है जिसको देखते हुए इस पुस्तक को तत्काल बैन किया जाना चाहिए वरना उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान बुक्सा आदिम जनजाति कल्याण सेवा समिति के सचिव स्वरूप सिंह का आरोप है कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी के प्रोफेसर अजय कुमार रावत द्वारा लिखित इस पुस्तक में बुक्सा जनजाति के बारे में अशोभनीय एवं अमर्यादित टिप्पणी की गई है जिससे बुक्सा जनजाति के लोगों में रोष व्याप्त है उन्होंने कहा कि यदि इस पुस्तक पर वह नहीं लगाया गया तो उग्र आंदोलन के साथ-साथ लेखक पर मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा बैठक में स्वरूप सिंह, मंगल सिंह, सूरज सिंह, मोहन सिंह, हरि सिंह आदि के अलावा काफी संख्या में जनजाति के लोग मौजूद थे।