Sunday, June 29, 2025

बांग्लादेश में भीषण हिंसा के बीच जान बचाकर भारत लौटे मेडिकल छात्रों ने सुनाई आपबीती, हालात जानकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

Share

भोंपूराम खबरी। बांग्लादेश में मची भीषण हिंसा के बीच जान बचाकर भारत लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स ने इंडिया टीवी से खास बात की है। इस दौरान उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में जब हिंसक प्रदर्शन शुरू हुए तो उन्हें ये नहीं पता था कि हालात इतने बिगड़ जाएंगे कि भारतीय एंबेसी को उन्हें ये कहना पड़ेगा कि जल्द से जल्द बांग्लादेश छोड़ दें। स्टूडेंट्स ने अपनी आपबीती भी सुनाई कि किस तरह हर रात वह इस डर में जी रहे थे कि उन्हें कल का सूरज देखने को मिलेगा भी या नहीं। फिलहाल ये स्टूडेंट्स सुरक्षित भारत पहुंच चुके हैं और उनके परिजनों ने भी राहत की सांस ली है।

हिंसा की वजह से ये फैसला नहीं ले पा रहे थे कि क्या करें: एमबीबीएस छात्र

बांग्लादेश से भारत वापस लौटे एमबीबीएस के स्टूडेंट ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि किस तरह वह डर में जी रहे थे। फोन और इंटरनेट काम नहीं कर रहे थे। उनके घर वाले परेशान थे और उन्हें ये चिंता सता रही थी कि अगले दिन क्या होने वाला है।

पीड़ित छात्र ने बताया, ‘जब मैं बांग्लादेश से लौटा, तो हालात अच्छे नहीं थे। बहुत प्रदर्शन और हिंसा हो रही थी। कोटा सिस्टम को लेकर ढाका यूनिवर्सिटी के छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। फिर हालात बिगड़ गए और हम लोग काफी डरे हुए थे। हमारा इंटरनेट काट दिया गया था और कोई कॉल नहीं हो पा रही थी। हमारे घर वाले बात ना हो पाने और मौजूदा हालातों की वजह से परेशान हो रहे थे। किसी से कोई कॉन्टैक्ट नहीं हो रहा था और ये सुनने में आ रहा था कि कॉल्स बंद कर दी जाएंगी।’

पीड़ित छात्र ने बताया, ‘जब हम भारत में परिजनों से बात करने के लिए इंटरनेशनल कॉल करते थे तो हमें आवाज ही नहीं सुनाई देती थी। हमने भारत की तरफ से भी रिचार्ज करवाने की कोशिश की लेकिन ये हो नहीं पाया। फिर हमने मिलकर फैसला लिया कि हम किसी भी तरह से एयरपोर्ट पहुंचेंगें और वहां से भारत के लिए निकलेंगे। लेकिन कर्फ्यू की वजह से एयरपोर्ट पहुंचना आसान नहीं था। क्योंकि ऐसे हालात में सरकार की तरफ से शूट एंड साइट के ऑर्डर थे। संदिग्ध गतिविधियों पर सरकार की पैनी नजर थी।’

पीड़ित छात्र ने बताया, ‘हमने इंटरनेट बैन होने की वजह से एक लोकल शख्स की मदद से अपना फोन रिचार्ज करवाया और फिर इंडिया से अपनी फ्लाइट की टिकट करवाईं। एयरपोर्ट जाने तक हमारे पास टिकट नहीं थी, क्योंकि इंटरनेट बैन था। हमारे पास सिर्फ एक पीएनआर नंबर था। हमारे रिक्वेस्ट करने के बाद एयरपोर्ट पर हमें इसी नंबर के जरिए एंट्री मिली।’

पीड़ित छात्र ने बताया, ‘हर समय हमारे हॉस्टल के ऊपर से ड्रोन, हेलीकॉप्टर और चॉपर निकलते थे। हम लोग डरे हुए थे और हिंसा की वजह से ये फैसला नहीं ले पा रहे थे कि क्या करें। क्योंकि अगर हम हॉस्टल में रहते तो असुरक्षित महसूस कर रहे थे। छात्रों के लिए मुख्य रूप से खतरा था और कहीं से कोई उम्मीद नहीं मिल रही थी। इसके बाद हमने एक एंबुलेस हायर की और उसमें 8 लोग बैठकर एयरपोर्ट के लिए निकले। रात में 3.30 बजे हम लोग जिस रास्ते से एयरपोर्ट के लिए निकले, वहां कुछ समय पहले ही ओपन फायरिंग हुई थी।’

पीड़ित छात्र ने बताया, ‘मैं बांग्लादेश से सुरक्षित भारत पहुंच गया हूं लेकिन अभी भी जब मैं बांग्लादेश कॉल करता हूं तो वहां बात नहीं हो पाती।’

Read more

Local News

Translate »