
भोंपूराम खबरी। उत्तराखंड विधानसभा में पहाड़-मैदान को लेकर छिड़ी बहस ने राज्यभर में राजनीतिक उबाल पैदा कर दिया है। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के क्षेत्रवाद संबंधी बयान पर आंदोलनकारियों और विपक्षी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। मंत्री के पुतले फूंके गए और सदन के भीतर भी हंगामा बढ़ गया।

वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने बयान पर खेद जताते हुए कहा कि उत्तराखंड में रहने वाले सभी लोग उनके परिवार के सदस्य हैं। उन्होंने कहा, “परिवार के लोगों के सामने अनजाने में कही गई बात के लिए खेद प्रकट करने में मुझे कोई संकोच नहीं है। मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। मैंने कहा था कि सारे उत्तराखंड में देश के सभी हिस्सों के लोग रहते हैं। हम सभी उत्तराखंड के हैं और उत्तराखंड हमारा है।”
उन्होंने आगे कहा, “मेरी बात से कई लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं, ऐसा मुझे महसूस हो रहा है। मेरी वजह से किसी को पीड़ा पहुंचे, यह मेरा स्वभाव नहीं है। इसलिए जाने-अनजाने जिस किसी को भी पीड़ा पहुंची है, उसके लिए मैं हृदय से खेद व्यक्त करता हूं।”
सदन में हंगामा, विपक्ष ने उठाए सवाल
कैबिनेट मंत्री के बयान से मामला गर्मा गया है। विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को पहाड़-मैदान को लेकर सदन में हंगामा हो गया था। इसके बाद सोमवार को भी विपक्ष ने क्षेत्रवाद के मुद्दे को लेकर सदन में हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष ने लगाई फटकार
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सदन में ही अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया था और उनकी बात को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। इसके बाद पहाड़-मैदान की बात को लेकर सदन में हंगामे पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विपक्षी सदस्यों को फटकार लगाई। कांग्रेस के एक विधायक ने सदन में कागज फाड़ा और वॉकआउट कर दिया।
मामले की जड़
दरअसल, शुक्रवार को सत्र के दौरान पहाड़ में नक्शा पास कराने में हो रही दिक्कतों के सवाल का जवाब देते हुए संसदीय व विभागीय मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कांग्रेस विधायक बिष्ट की टिप्पणी पर नाराजगी जताई। मंत्री ने विपक्षी विधायक पर पहाड़ व मैदान के नाम पर उत्तराखंड को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “विपक्ष के विधायक पहाड़-मैदान की बात कर उत्तराखंड को कहां ले जाना चाहते हैं? बात को पहाड़ी व देसी पर ले जाया जा रहा है, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उत्तराखंड से कौन है, कोई राजस्थान से और कोई मध्यप्रदेश से आया है।”
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- हम सब उत्तराखंड के हैं
इस हंगामे से नाराज विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा, “सत्तापक्ष और विपक्ष इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, जैसे चौराहे पर हैं। हम सब उत्तराखंड के लोग हैं। पहाड़ व देसी नहीं है। उत्तराखंड की लड़ाई हम सबने लड़ी है। बार-बार बोलने के बाद भी सदन में इस तरह की टिप्पणी की जा रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है