
भोंपूराम खबरी। उत्तर प्रदेश के शामली जनपद के बनत गांव के लाल Abhimanyu Chaudhary ने एक बार फिर अपने गांव, प्रदेश और देश का नाम रोशन कर दिया है। कज़ाखस्तान में आयोजित ग्रैपलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025 में उन्होंने 100 किलोग्राम वज़न वर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है।

Abhimanyu Chaudhary का ऐतिहासिक प्रदर्शन
यह प्रतियोगिता 12 से 15 जून 2025 तक चली, जिसका आयोजन कज़ाखस्तान ग्रैपलिंग एसोसिएशन द्वारा किया गया था। Abhimanyu Chaudhary ने भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए शानदार प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के दौरान उन्होंने पांच बाउट खेले, जिनमें से एक-एक मुकाबला रूस, कज़ाखस्तान, पाकिस्तान और अज़रबैजान के खिलाड़ियों से हुआ।
हर बाउट में अपना दबदबा किया कायम
हर बाउट में उन्होंने अपना दबदबा कायम रखते हुए विरोधियों को परास्त किया और फाइनल में धमाकेदार जीत दर्ज कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता के लिए उनका चयन पिछले वर्ष 28-29 नवंबर 2024 को हरिद्वार में आयोजित राष्ट्रीय ग्रैपलिंग प्रतियोगिता में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के आधार पर किया गया था।
जानिए Abhimanyu Chaudhary की कहानी
Abhimanyu Chaudhary एक साधारण किसान परिवार से आते हैं। वह भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर तैनात हैं। उनके पिता प्रदीप कुमार ने बताया कि Abhimanyu Chaudhary करीब 9 साल की उम्र से ही रेसलिंग और ग्रैपलिंग में सक्रिय हैं और अब तक 50 से अधिक मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने कहा, “हमें अपने बेटे की इस उपलब्धि पर बेहद गर्व है। आज पूरे गांव और जिले में जश्न का माहौल है।
Abhimanyu Chaudhary की इस ऐतिहासिक जीत से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा क्षेत्र गौरव महसूस कर रहा है। यह उपलब्धि ना सिर्फ युवाओं को प्रेरित करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि मेहनत, समर्पण और लगन से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। अभिमन्यु चौधरी अब देशभर के युवाओं के लिए एक मिसाल बन चुके हैं।
दरअसल उनकी यह उपलब्धि मेहनत, समर्पण और लगन का परिणाम है। अभिमन्यु की सफलता न केवल युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि यह साबित करती है कि सही दिशा और कड़ी मेहनत से बड़े से बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। भविष्य में उनकी और भी बड़ी उपलब्धियां देखने को मिलेंगी।