
भोंपूराम खबरी,कानपुर। विज्ञान कहता है कि दुनिया के किन्हीं दो लोगों के रेटिना और फिंगरप्रिंट एक जैसे नहीं हो सकते, लेकिन कानुपर के दो हमशक्ल जुड़वां भाइयों के बायोमीट्रिक विज्ञान को चुनौती दे रहे हैं। उनके रेटिना और फिंगरप्रिंट भी ‘हमशक्ल’ (एक समान) हैं।

एक भाई के आधार में बायोमीट्रिक अपडेट कराने पर दूसरे का आधार निरस्त हो जाता है। दोनों के बायोमीट्रिक तीन-तीन बार निरस्त हो चुके हैं। यह दुनिया का दुर्लभतम मामला है और भारत का यह संभवतः इस तरह का पहला मामला है। चिकित्सा विशेषज्ञ इस केस की गहन रिसर्च की आवश्यकता जता रहे हैं। नौबस्ता के उस्मानपुर निवासी पवन मिश्रा के जुड़वां बेटे प्रबल और पवित्र दुर्लभ समानता के साथ पैदा हुए हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब पवन दोनों बेटों की उम्र 10 साल होने के बाद मार्च में मालरोडस्थित सेंटर में आधार अपडेट कराने पहुंचे।
प्रबल के आधार में बायोमीट्रिक अपडेट हो गया, लेकिन पवित्र का नहीं हुआ। इस पर पवन दोबारा सेंटर पहुंचे तो पवित्र का बायोमीट्रिक भी अपडेट हो गया, लेकिन प्रबल का निरस्त हो गया। तीन बार ऐसा ही हुआ । परेशान पवन ने आधार सेंटर में पूछताछ की तो बताया गया कि रेटिना और फिंगरप्रिंट एक जैसे होने की वजह से यह समस्या आ रही है ।
प्राइवेट नौकरी करने वाले पवन मिश्रा ने बताया कि 10 जनवरी 2015 को जुड़वां बेटे जन्मे । जन्म के दो-तीन माह बाद दोनों का आधार कार्ड बनवाया। चूंकि शुरुआत में फिंगर प्रिंट और रेटिना का मिलान नहीं होता, लिहाजा कोई समस्या नहीं आई। 10 साल बाद आधार कार्ड अपडेट के लिए वह सेंटर पहुंचे। सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दोनों बेटों के आधार डाउनलोड तो हो गए, लेकिन जब राशन कार्ड में नाम चढ़वाने के लिए आवेदन किया तो बेटे प्रबल की ई-केवाईसी नहीं हो रही थी । इस पर वह आधार सेंटर पहुंचे और प्रबल का आधार कार्ड दोबारा अपडेट कराया। उधर पवित्र का आधार कार्ड निरस्त हो गया। इसके बाद पवित्र का अपडेट कराया तो प्रबल का निरस्त हो गया।
यह दुर्लभतम (भारत में पहला मामला है।
फिंगरप्रिंट पैटर्न में 55-74% तक समानता हो सकती है। यह भी देखना चाहिए कि बायोमीट्रिक अपडेशन की तकनीक में कोई कमी तो नहीं है। – डॉ. राहुल देव, प्रोफेसर, फॉरेंसिक मेडिसिन, जीएसवीएम कॉलेज


