Monday, July 14, 2025

CAA के नियमों पर लगेगी रोक? सुप्रीम कोर्ट पहुंची मुस्लिम लीग, याचिका में कही ये बात

Share

भोंपूराम खबरी,नई दिल्ली।  इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नियमों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अपनी याचिका में मुस्लिम लीग ने कहा है कि नागरिकता संशोधन नियम मनमाने हैं और केवल धार्मिक पहचान के आधार पर व्यक्तियों के एक वर्ग को अनुचित लाभ देते हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है।

IUML ने कहा, ‘…तो उनकी नागरिकता छीननी होगी’

याचिका में कहा गया है कि CAA के प्रावधानों को चुनौती देने वाली लगभग 250 याचिकाएं शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित हैं और यदि CAA को असंवैधानिक माना जाता है, तो एक असामान्य स्थिति उत्पन्न होगी। इसमें कहा गया है कि ऐसा होने की स्थिति में जिन लोगों को लागू अधिनियम और नियमों के तहत नागरिकता मिल गई होगी, उनकी नागरिकता छीननी होगी। इसमें कहा गया, “इसलिए CAA और लागू नियमों के कार्यान्वयन को तब तक के लिए स्थगित करना प्रत्येक व्यक्ति के सर्वोत्तम हित में है जब तक कि कोर्ट मामले का फैसला नहीं कर देता।’

पुनर्वास के लिए कानूनी बाधाओं को दूर करेगा CAA

CAA पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर,2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों, यानी कि हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करता है। यह कानून पुनर्वास के लिए कानूनी बाधाओं को दूर करेगा और नागरिकता प्रदान कर दशकों से पीड़ित शरणार्थियों के लिए गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करेगा। यह कानून उन लोगों के लिए है जिन्होंने वर्षों से उत्पीड़न सहा है और जिनके पास भारत के अलावा दुनिया में कोई और शरण स्थल नहीं है।

Read more

Local News

Translate »