Monday, July 21, 2025

धर्म की आड़ में कॉलोनी: आस्था पर अमीरी की चोट”

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भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। धार्मिक आस्था और समाजसेवा के लिए ख्यात एक बड़ी संस्था की पवित्र भूमि पर अब ईंट, गारे और मुनाफे की गूंज सुनाई देने लगी है। संस्था के भीतर ही एक आलीशान कॉलोनी विकसित की जा रही है, जिसमें घर पाने का सौभाग्य केवल उन्हीं को मिलेगा जिनकी जेबें भरी हैं, भले ही दिल में श्रद्धा हो या नहीं।

बताया जा रहा है कि इस कॉलोनी में प्रति गज 30 से 40 हजार रुपये की दर तय की गई है। खास बात यह है कि यह योजना उन्हीं अनुयायियों के लिए चलाई जा रही है जो वर्षों से सेवा भाव से नहीं, बल्कि पैसों की ताकत से जुड़े हैं। इनमें रुद्रपुर शहर के नामी उद्योगपति और धनाढ्य परिवारों के नाम प्रमुख हैं। संस्था के असली सेवाभावी अनुयायी—जो वर्षों से तन-मन-धन से समर्पित रहे—मात्र दर्शक बनकर रह गए हैं।

इस परियोजना के पीछे एक ऐसा व्यक्ति बताया जा रहा है जिसने पिछले वर्षों में शहर में तेज़ी से आर्थिक बुलंदी पाई है और अब वह इस पवित्र भूमि को भी बाजार बना देना चाहता है।

गौरतलब है कि पूर्व में इस भूमि को रिंग रोड के लिए अधिग्रहीत किया जाना था, लेकिन संस्था ने विरोध किया। आश्चर्यजनक ढंग से बाद में वही भूमि सड़क परियोजना के लिए स्वीकृत हो गई। इसी प्रस्तावित रिंग रोड के किनारे अब यह कॉलोनी विकसित की जा रही है, जिससे भूमि का मूल्य कई गुना बढ़ेगा।

संस्था के भीतर भी इस व्यापारिक चाल को लेकर गहरा असंतोष है। मध्यम और निम्न मध्यम वर्गीय अनुयायी स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। दशकों से सेवा करते हुए जो अपने जीवन की आस्था को इसी भूमि से जोड़ चुके थे, आज उन्हें अपने ही धाम में पराया बना दिया गया है।

धर्मस्थलों को जब पूंजी और प्रभाव का साधन बना लिया जाए, तो आस्था का अंतस हिल जाता है। यह कॉलोनी नहीं, श्रद्धा की दीवारों पर अमीरी की दीमक है।

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