

भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। उधम सिंह नगर जिले के लिए इस दिवाली पर वायु प्रदूषण के मोर्चे पर एक अच्छी खबर है । जनपद के दोनों ही प्रमुख शहर, रुद्रपुर एवं काशीपुर में अबकी बार दीपावली के दूसरे दिन एक्यूआई का स्तर 150 के आसपास दर्ज किया गया है ,जबकि पिछली दीपावली पर रुद्रपुर एवं काशीपुर का एक्यूआई स्तर क्रमशः 252 एवं 262 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था।

हालांकि एयर क्वालिटी इंडेक्स में उपरोक्त सुधार भी विशेष उत्साह जनक नहीं है, क्योंकि रुद्रपुर एवं काशीपुर का औसत एक्यूआई स्तर वर्तमान में भी सामान्य से तकरीबन 51 पॉइंट अधिक है, जो कि खराब की श्रेणी के अंतर्गत गिना जाता है । फिर भी यह पिछले वर्ष के एक्यूआई स्तर से लगभग 100 पॉइंट कम है। खास बात तो यह है कि पिछली दफा 300 तक पहुंचा प्रदेश की राजधानी देहरादून का औसत एक्यूआई अबकी बार की दीपावली के दूसरे दिन 261 ही दर्ज किया गया।
हालांकि यह गंभीर श्रेणी में है और इस स्थिति को विशेष उत्साह जनक नहीं कहा जा सकता। भारतीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा एक्यूआई इंडिया के आंकड़ों के अनुसार 21 अक्टूबर की सुबह देहरादून में वायु गुणवत्ता 261 एक्यूआई दर्ज की गई थी किया गया। देहरादून के अलावा हरिद्वार, नैनीताल और हल्द्वानी में भी खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई है। ज्ञात हो कि देहरादून शहर के विभिन्न निगरानी केंद्रों पर पीएम 2।5 कणों का स्तर 184 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 10 कणों का स्तर 230 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक दर्ज किया गया, जो कि मानक से कई गुना अधिक है। मौसम साफ होने के बावजूद ठंडी हवाओं और कम हवा की गति के कारण प्रदूषक कण वातावरण में ठहर गए हैं, जिससे सांस संबंधी रोगियों के लिए स्थिति चिंताजनक बन गई है। देहरादून के अलावा हरिद्वार और रुड़की में भी वायु गुणवत्ता गिरावट पर है। हरिद्वार में एक्यूआई औसतन 182 और रुड़की में 176 दर्ज किया गया, जोकि ‘अस्वस्थ’ श्रेणी में है। इन इलाकों में प्रमुख प्रदूषक कण पीएम 2।5 और पीएम 10 हैं। दूसरी ओर धर्म नगरी ऋषिकेश में सोमवार शाम तक वायु गुणवत्ता सूचकांक 179 दर्ज हुआ। पिछले कुछ दिनों से यहां प्रदूषण का स्तर लगातार उतार-चढ़ाव में है। यहां सोलह अक्टूबर को एक्यूआई 153 से ऊपर पहुंचा था, जबकि 19 अक्टूबर को यह घटकर 63 तक पहुंच गया ,लेकिन अब इसमें पुनः बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालांकि एयर क्वालिटी इंडेक्स की उपरोक्त स्थिति के बावजूद भी उत्तराखंड में इस दफा वायु गुणवत्ता पिछले साल की तुलना में कम खराब हुई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे तकनीक आधारित उपायों, प्रशासनिक सक्रियता और नागरिकों के सहयोग का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल त्योहारों में ही नहीं, बल्कि पूरे वर्ष स्वच्छ वायु सुनिश्चित करना है। इस साल के परिणाम यह साबित करते हैं कि नवाचार, जागरूकता और सामूहिक भागीदारी से वास्तविक परिवर्तन संभव है। वही उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष आरके। सुधांशु के अनुसार उत्तराखंड में इस साल की स्वच्छ दिवाली सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। इस दिशा में ड्रोन से किए गए जल छिड़काव, नई यांत्रिक स्वीपिंग मशीनें और विद्यालयों-कॉलेजों में चलाए गए जन-जागरूकता अभियानों ने ठोस असर दिखाया है। देहरादून में ड्रोन आधारित वॉटर स्प्रिंकलिंग से पीएम 10 कणों के स्तर को नियंत्रित किया गया तथा देहरादून और ऋषिकेश में यांत्रिक स्वीपिंग मशीनें भी लगाई गई।
