भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। मनरेगा योजना को योजना के अंतर्गत रखे हुए दैनिक वेतन भोगी कर्मियों की नियमतिकरण की मांग राज्य सरकार से अभी भी जारी है। जिसमे कई बार अपनी मांग लेकर कर्मियों द्वारा शासन प्रशासन के समक्ष रखा जाता रहा है परंतु शासन प्रशासन द्वारा अभी तक इन कर्मियों के भविष्य हेतु कोई ठोस निर्णय नहीं लिए जाने से मनरेगा कर्मियों में सरकार के विरुद्ध भारी रोष व्याप्त है और मनरेगा कर्मियों ने सरकार पर अनदेखी करने का आरोप भी लगाया है।
मनरेगा जिला अध्यक्ष कपिल देव गंगवार ने बताया कि विगत 15 मार्च से मनरेगा कर्मी अपनी कलम बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। उन्होने बताया कि तीन माह की लंबी हड़ताल के बाद शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल के आश्वासन पर जिसमें मनरेगा कर्मियों की मांग को सरकार से पूरा कराने का भरोसा दिलाया जिसके बाद मनरेगा कर्मियों ने अपनी हड़ताल समाप्त की। जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री बनते ही माननीय पुष्कर सिंह धामी ने मनरेगा कर्मियों को हड़ताल की अवधि का मानदेय दिए जाने की घोषणा की थी बावजूद इसके प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई। गंगवार ने बताया कि कैबिनेट में मनरेगा कर्मियों के भविष्य पर कोई चर्चा नहीं होने के कारण मनरेगा कर्मी में भारी रोष व्याप्त है। गंगवार ने बताया कि मनरेगा कर्मियों को 28 अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट से अपनी समस्या के निस्तारण की आश है। उन्होंने बताया कि यदि जल्द ही मनरेगा कर्मियों के विषय में चर्चा एवं उनकी मांगे नहीं मानी गई तू प्रदेश स्तर पर दोबारा आंदोलन करने को मनरेगा कर्मी बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी ।