Thursday, August 14, 2025

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रुद्रपुर। 23 करोड़ की लागत से बना देश का आठवां वेलोड्रम खेल विभाग और कार्यदायी संस्था के लिए चुनौती बन गया है। निर्माण के दौरान से वेलोड्रम पर शुरू हुईं दरारें अब बढ़ती जा रही हैं। कार्यदायी संस्था पेयजल निगम निर्माण विंग देहरादून जहां मरम्मत करने में जुटा है, वहीं दूसरी बड़ी कार्यदायी संस्था के तकनीकी विशेषज्ञों का निरीक्षण कराने का निर्णय भी लिया गया है।

मनोज सरकार स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रदेश का पहला और देश का आठवां वेलोड्रम बना है। दो वर्ष पूर्व वेलोड्रम के निर्माण की शुरुआत हुई। इस दौरान उत्तराखंड को मिले 38वें राष्ट्रीय खेल में ट्रैक साइकिलिंग की मेजबानी रुद्रपुर को मिली। आननफानन वेलोड्रम का निर्माण कार्य तेज किया गया।

बीते अक्तूबर में वेलोड्रम का निर्माण तो पूरा हो गया लेकिन अन्य काम चलते रहे। इसी दौरान वेलोड्रम पर इंट्री गेट के अगल- बगल सहित कई जगहों पर बड़ी- बड़ी दरारें पड़ गई।

इस मुद्दे को उठाने के बाद कार्यदायी संस्था ने मरम्मत तो की गई लेकिन यह सफल न हो सका। फरवरी में वेलोड्रम पर राष्ट्रीय खेल की ट्रैक साइकिलिंग प्रतियोगिता कराई गई। प्रतियोगिता खत्म होने के चार माह तक वेलोड्रम सुनसान पड़ रहा। अब जब पहली बार साइकिलिंग के कोच नियुक्त हुए और प्रशिक्षण शुरू हुआ तो वेलोड्रम की दरारें भयावह रूप ले चुकी थीं। हालांकि फिर से कार्यदायी संस्था की ओर से क्रैक फिलर के सहारे दरारों को भरने की नाकाम कोशिश की जा रही है।

कहीं ड्रॉइंग में बदलाव तो नहीं बना कारण…

330 मीटर के वेलोड्रम निर्माण के लिए शुरुआत में कार्यदायी संस्था को जो ड्रॉइंग मिली थी उसमें करीब 30 से 40 एक्सपेंशन ज्वाइंट बनाने थे। संस्था इसी पर काम भी कर रही थी। इस दौरान खेल फेडरेशन ने वेलोड्रम में इतने ज्यादा एक्सपेंशन ज्वाइंट दिए जाने पर सवाल खड़े कर दिए। फेडरेशन ने बताया कि कहीं भी वेलोड्रम में इतने अधिक संख्या में ज्वाइंट नहीं दिए जाते क्योंकि ट्रैक साइकिलिंग के दौरान राइडर तेज साइकिल चलाते हैं। इससे ज्वाइंट पर साइकिलें उछलती हैं। फेडरेशन ने पूरे वेलोड्रम में मात्र आठ ज्वाइंट देने का सुझाव दिया। फेडरेशन के सुझाव पर कार्यदायी संस्था की ओर से पहले के तैयार अन्य ज्वाइंट सेक्शन पर आरसीसी कर दी गई और पूरे वेलोड्रम पर मात्र आठ एक्सपेंशन ज्वाइंट दिए गए। अब सवाल उठता है कि क्या जिन ज्वाइंट के ऊपर आरसीसो की गई है, वहीं से तो दरारें नहीं बन रही हैं।

वेलोड्रम का निर्माण वेलोड्रम एक्सपर्ट पिनाकी के देखरेख में किया गया है। उन्होंने बताया था कि आरसीसी 5 वेलोड्रम में करीब एक वर्ष तक बदलाव होता है। इसकी मरम्मत की जा रही है। दूसरे प्रदेशों के एक्सपर्ट को भी बुलाकर इसे दिखाया जाएगा। किस कमी के चलते दरारें पड़ रही हैं, इसका पता लगाया जाएगा। शैलेंद्र भंडारी, अभियंता, पेयजल निगम निर्माण विंग, देहरादून

दिसंबर तक पूरा हो ऑडिटोरियम का कार्य

609.86 लाख की लागत से बन रहे सभागार का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण

रुद्रपुर। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने कोषागार के निकट संस्कृति विभाग का 609.86 लाख की लागत से निर्माणाधीन ऑडिटोरियम का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदायी संस्था पेयजल निगम के अभियंता को श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर कार्यों में तेजी लाते आगामी दिसंबर तक पूर्ण करने हुए के निर्देश दिए। सहायक अभियंता पेयजल निगम ने बताया कि भूतल में मंच के साथ ही 250 सीट क्षमता, का ऑडिटोरियम बनाया जा रहा है। इसमें चार कक्ष, दो शौचालय, एक वीआईपी कक्ष, एक कार्यालय कक्ष बनाया जा रहा है और प्रथम तल में चार कक्ष व दो शौचालय बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि ऑडिटोरियम का फिनिशिंग कार्य चल रहा है और दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा।

जिलाधिकारी ने ऑडिटोरियम पोर्च को ठीक करने, छत व शौचालयों के डाउन पाइपों को दीवारों के भीतर करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक पेंटिंग, होर्डिंग्स लगाने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने जिला युवा कल्याण अधिकारी व जिला पर्यटन अधिकारी को नियमित ऑडिटोरियम के कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। निरीक्षण में जिला युवा कल्याण अधिकारी बीएस रावत, जिला पर्यटन अधिकारी लता बिष्ट, सहायक अभियंता पेयजल निगम बीसी जोशी आदि रहे।’

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