भोंपूराम खबरी। दरअसल, विनेश फोगाट को सात अगस्त को वुमेंस फ्रीस्टाइल कुश्ती के 50 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में उतरना था। उनका सिल्वर मेडल पक्का था, क्योंकि वे एक ही दिन में प्री-क्वॉर्टर फाइनल, क्वॉर्टर फाइनल और सेमीफाइनल जीतकर फाइनल में पहुंची थीं। हालांकि, फाइनल मैच की सुबह उनका वजन मापा गया तो उनका वजन 100 ग्राम से ज्यादा निकला और इस तरह उनको अयोग्य घोषित कर दिया दिया। वहीं, फाइनल में उस खिलाड़ी को एंट्री दे दी गई, जिसे विनेश ने सेमीफाइनल में हराया था। ओलंपिक मेडल से चूकने के बाद विने अगला और उनके सपोर्ट स्टाफ ने अपनी आवाज उठाई।
विनेश फोगाट एंड टीम ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट में अपना केस दायर किया, जो खेल से जुड़े मुद्दों की सुनवाई करता है। 7 अगस्त की रात करीब 8 बजे विनेश फोगाट ने दो मुद्दों को लेकर कोर्ट को मेल किया। स्पोर्ट्स तक की रिपोर्ट के मुताबिक, विनेश ने पहला मुद्दा ये उठाया कि अभी उनका वजन नापा जाए, क्योंकि फाइनल को शुरू होने में अभी भी (मेल लिखते समय) करीब चार घंटे का समय है। दूसरा मुद्दा ये था कि मैंने सेमीफाइनल तक जीता है और उस समय वजन भी ज्यादा नहीं था तो कम से कम सिल्वर मेडल मिल लेख चाहिए। इन दो मुद्दों में से एक जवाब कोर्ट ने दे दिया है और कहा पा कि अब मैच तय हो चुके हैं तो इसमें कुछ नहीं हो सकता, लेकिन दूसरे मुद्दे पर जवाब 24 घंटे में मिलेगा यानी कल सुबह पेरिस के टाइम के अनुसार 8 बजे और भारत के टाइम के अनुसार करीब 11 बजे इस पर फैसला आ सकता है।
अगर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट को लगता है कि विनेश फोगाट की बात सही है तो वह इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी को ये बोल सकते हैं कि विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल दिया जाए। भले
संयुक्त मेडल हो, लेकिन वह सिल्वर मेडल की हकदार हैं। अगर ये फैसला विनेश के पक्ष में आता है तो उनको सिल्वर मेडल मिल सकता है। विनेश फोगाट ने अपने प्री-क्वॉर्टर फाइनल में जापान की यूई सुसाकी को हराया था, जोकि पिछले काफी समय से एक भी मुकाबला नहीं हारी थीं।