भोंपूराम खबरी। प्रधानमंत्री मोदी अब रविवार को लेकर दिए बयान पर सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने कहा है कि रविवार ईसाई समाज से जुड़ा है और हिंदू समाज से नहीं। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि जब अंग्रेज यहां राज करते थे तो ईसाई समाज छुट्टी मनाता था, ये परंपरा तब से शुरू हुई। प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर कहा कि प्रधानमंत्री को अब रविवार से भी आपत्ति है। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ‘रविवार की छुट्टी ईसाइयों के प्रभाव से शुरू हुई है, ये हिंदू संस्कृति में नहीं है। पूरा देश, पूरा विश्व फिर हँस रहा है। …मोदी जी, जो बेरोज़गार हैं, वो संडे को भी बेरोज़गार हैं और मंडे को भी; पेट्रोल की क़ीमत संडे को भी सौ रुपये की होती है और मंडे को भी। क्या ये आपकी प्राथमिकताएँ हैं?’
पवन खेड़ा ने कहा, ‘आपकी प्राथमिकताएँ पिछले दस साल से ग़लत हैं। अब आप जाते-जाते फिर से ये साबित करते जा रहे हो कि आपकी प्राथमिकताओं का अंदेशा आपको 10 साल तक नहीं हुआ। इसलिए आज देश इस स्थिति में है। चलिए, अब आपको बहुत आराम करने का समय मिलेगा। थक गए हो। आराम कीजिए। आप जब भी मुँह खोलते हैं, लोग आश्वस्त हो जाते हैं, कि आपको अब आराम की ज़रूरत है।’कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया पीएम मोदी के बयान पर आई है। प्रधानमंत्री ने झारखंड के दुमका में रैली को संबोधित करते हुए कहा था, ‘मुझे मेरे एक साथी बता रहे थे कि लव जिहाद शब्द पहली बार झारखंड में आया। झारखंड वालों ने ये शब्द दिया है। हमारे देश में रविवार को छुट्टी होती है। जब अंग्रेज यहां राज करते थे तो ईसाई समाज छुट्टी मनाता है, ये परंपरा तब से शुरू हुई। रविवार हिंदुओं से जुड़ा नहीं है, ईसाई समाज से जुड़ा है। 200-300 साल से यह चल रहा है। अब इन्होंने एक जिले में रविवार की छुट्टी पर ताले लगवा दिए, बोले शुक्रवार की छुट्टी होगी। अब ईसाइयों से भी झगड़ा। ये क्या चल रहा है?’प्रधानमंत्री मोदी के वीडियो बयान को एक्स पर साझा किया गया है।
बीजेपी से जुड़े रहे नवीन कुमार जिंदल ने वीडियो साझा करते हुए पीएम मोदी के मुस्लिम वाले बयान को हाईलाइट किया है।
इसी में प्रधानमंत्री ने आदिवासियों पर अत्याचार का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने विपक्ष पर हमला भी किया और कहा कि इंडिया गठबंधन की देशविरोधी राजनीति का एक खतरनाक फॉर्मूला है। उन्होंने कहा, ‘इनका फॉर्मूला है- घोर सांप्रदायिक राजनीति करो, घोर तुष्टीकरण की राजनीति करो, अलगाववादियों को संरक्षण दो, आतंकवादियों का बचाव करो और जो उसका विरोध करे, उस पर हिन्दू-मुसलमान करने का आरोप लगा दो।’