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Monday, December 23, 2024

संयुक्त किसान मोर्चा ने संघर्ष को तेज करने का किया ऐलान

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भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। दिल्ली सीमाओं पर किसान आंदोलन के सात महीने पूरे होने वाले हैं। इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने एक्शन प्लान की घोषणा कर आंदोलन को तेज करने के संकेत दिए हैं। रविवार को सभी मोर्चों पर गुरु अर्जन देव का शहीदी दिवस मनाया गया। वहीं 24 जून को कबीर जयंती के रूप में मनाया जाएगा। 26 जून को दिल्ली सीमाओं पर आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर और साथ ही वर्ष 1975 में तत्कालीन सरकार द्वारा लगाई गई इमरजेंसी की 46वें वर्षगांठ पर देश में तथाकथित रूप से लगे अघोषित आपातकाल के प्रति लोगों को आगाह करने के लिए देशभर में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। “खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ” उस दिन का मुख्य संदेश होगा और सभी राज्यों के राज भवनों के बाहर धरने दिए जाएंगे। सभी राज्यपालों को ज्ञापन देकर आंदोलन की मांग बताई जाएगी और अघोषित आपातकाल की वर्तमान परिस्थिति में नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन ना हो। मिशन यूपी व उत्तराखंड पर भी संयुक्त किसान मोर्चा में विस्तृत चर्चा जल्द होगी।

जानकारी देते हुए मोर्चा के प्रवक्ता व तराई के बड़े किसान जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि रविवार को विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने के आपवा पौधरोपण भी किया गया। उन्होंने बताया कि निर्णय हुआ है कि हरियाणा के किसान संगठनों द्वारा पूर्व में जारी गांव बंदी यथावत रहेगी। इसके अनुसार राज्य के सभी ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों के द्वारा भाजपा व जजपा नेताओं के गांवों में प्रवेश पर रोक लगाया गया था तथा इन दो दलों के नेताओं को सामाजिक आयोजनों में आमंत्रित नही किया जाएगा। ये सभी नेता अपने आधिकारिक व राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए जहां-जहां जाएंगे, वहां काले झंडों से उनका विरोध किया जाएगा।

बाजवा ने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने की कई कोशिशें की जा चुकी हैं। भाजपा सरकार व उसके नेता इस मामले में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। सरकार से जुड़े व सरकार का समर्थन करने वाले कई मीडिया घराने जिनका एकमात्र उद्देश्य भाजपा, भाजपा समर्थकों व सरकार के पक्ष में खबरें दिखाना है वह भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। एक मीडिया घराने को कथित तौर एक महिला शिकायतकर्ता ने कानूनी नोटिस भेजा है, जिन्होंने खुद सोशल मीडिया पर टिकरी पर स्वयं सेवा के दौरान अपने खिलाफ हुई शाब्दिक छेड़खानी का जिक्र किया था। हालांकि मीडिया ने जानबूझकर उनके अनुभव को शारीरिक दुर्व्यवहार व बलात्कार के रूप में पेश किया।

वहीं मोर्चा के बड़े नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा इस बात को दोहराता है कि वह महिला आंदोलनकारियों के अधिकारों का सम्मान करता है; हर स्थिति में उनकी सुरक्षा चाहता है और आंदोलन में उनके सक्रिय भागीदारी का स्वागत करता है। संयुक्त किसान मोर्चा यह पहले ही कह चुका है कि वह महिला सुरक्षा के किसी भी उल्लंघन के प्रति जीरो टॉलरेंस रखेगा। हर मोर्चे पर किसी भी किस्म की छेड़खानी, दुर्व्यवहार या उल्लंघन को रोकने व इससे संबंधित किसी की शिकायत को पर सुनवाई करने के लिए महिला समितियों का गठन किया जा चुका है। वर्तमान मामले में एक औपचारिक शिकायत टिकरी बॉर्डर की पांच सदस्यीय महिला समिति को दे दी गई है।

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