भोंपूराम खबरी। उत्तराखण्ड में नैनीताल के बी.डी.पाण्डे अस्पताल भूमि से आज अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हुआ। प्रशासन ने जहां कच्चे निर्माण को लेबर लगाकर साफ किया तो उसी क्षेत्र में अतिक्रमण की चपेट में आए कुछ भवन स्वामियों ने खुद तोड़ना शुरू किया।
नैनीताल में मल्लीताल की बी.डी.पाण्डे अस्पताल भूमि और चार्टन लॉज क्षेत्र में चिन्हीकरण के बाद प्रशासन ने 36 अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया। उच्च न्यायालय से निर्देशों के बाद आज अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया गया। प्रशासन ने बुधवार को अतिक्रमणकारियों के घरों की बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया था। आज सवेरे दस बजे से जिला प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची और ध्वस्तीकरण का काम शुरू हुआ। प्रशासन की चेतावनी के बाद स्थायी मकानों के स्वामियों ने खुद अतिक्रमण तोड़ना ज़ाहिर किया। इधर सड़क के नीचे अस्थाई घरों पर प्रशासन की लेबर का हथौड़ा चला। वहीं मौजूद कब्ज़े धारियों के परिवारों में कोहराम मच गया, बरसों से कब्जे की जमीन पर रह रहे लोगों ने अपने मकानों को टूटता देख आंसू बहने लगे।
अतिक्रमणकारी रवि कुमार ने बताया कि उनके पिता बी.डी.पाण्डे अस्पताल में काम करते थे इसलिए वो अस्पताल के स्टाफ आउट हाउस में रहते थे, लेकिन उनके भत्तों का पूर्ण भुगतान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत उन्होंने हर प्लेटफॉर्म में की। उन्होंने सरकार से प्रार्थना करी है कि उनके भुगतान किए जाएं और उन्हें खाली किये जाने का समय दिया जाए।
एस.डी.एम.प्रमोद कुमार ने बताया कि सभी लोग खुद अपना अतिक्रमण हटा रहे हैं और जो लोग 15 सितंबर की रात तक नहीं आते तो वो बलपूर्वक अतिक्रमण को ध्वस्त कर देंगे।