भोंपूराम खबरी। जेल से फरार होने की कोशिश कर रहे पॉक्सो में बंद तीन कैदी बंदी रक्षकों की तत्परता के कारण अपनी कोशिश में नाकाम हो गये।
उपकारागार (जेल) अधीक्षक हल्द्वानी सतीश कुमार सुखीजा तथा प्र. जेलर उपकारागार हल्द्वानी रामपाल सिंह ने हल्द्वानी कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि उपकारागार, हल्द्वानी में निरुद्ध बंदीगण गौरव शर्मा पुत्र श्यामलाल शर्मा, कपिल पुत्र मुन्ना सिंह तथा हरिओम पुत्र अजय यादव ने दिनांक 07.09.2022 की प्रातः जेल से भागने का प्रयास किया। उक्त कैदी जेल की की कार्यशाला में जाकर वहां लगे दरवाजे से कार्यशाला की छत पर चढ़ कर भागने का प्रयास कर रहे थे लेकिन कारागार पर तैनात कर्मचारियों की सजगता से एक बन्दी उक्त कार्यशाला की छत पर चढ़ने पर सफल नहीं हो पाया लेकिन दो अन्य कैदी कार्यशाला की छत पर चढ़ने में सफल हो गये।
उन्होंने बताया कि कारागार के भीतर बैरक नं. 2 पर तैनात उपनलकर्मी त्रिलोक सिंह ने उक्त बंदियों को छत पर चढ़ा देखकर अन्य बंदीरक्षकों को सचेत किया। जिस पर कारागार के भीतर तैनात बंदीरक्षकों तथा कारागार के मुख्यद्वार पर तैनात रिजर्व प्रधान बंदीरक्षक वेदराम एवं संतरी पोस्ट को तैनात बंदीरक्षक सुनील दत्त ने दोनों बंदीगणों को छत से नीचे उतरने की चेतावनी दी तथा एक बन्दी को कारागार के भीतर सीढ़ी लगाकर नीचे उतार लिया वहीं, दूसरा बंदी घबराकर कारागार के प्रशासनिक भवन के नीचे खड़े वेदराम, सुनील दत्त के सामने ही कूद गया। इस प्रकार कारागार में तैनात कर्मचारियों की सजगता के कारण उक्त तीनों बंदियों द्वारा किये गये जा रहे भागने के प्रयास को निष्फल कर दिया गया।
भागने की कोशिश करने वाले बन्दीगणों का विवरण –
1- गौरव शर्मा पुत्र श्यामलाल शर्मा निवासी-बिडौरा मझोला, नानकमत्ता धारा 363, 366, 376 (3) आईपीसी व पॉक्सो एक्ट, थाना-नानकमत्ता, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, त्वरित, पाक्सो, हल्द्वानी
2- कपिल पुत्र मुन्ना सिंह निवासी-पिपरिया, नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश धारा 363,366,376 आईपीसी व0 5/6 पॉक्सो एक्ट, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, त्वरित, हल्द्वानी
३ हरिओम यादव पुत्र अजय यादव निवासी-चनमुना, थाना -बहेडी, बरेली, उ.प्र. धारा 363, 366, 376(2)(ढ), 376 (3) आईपीसी व 5 (ठ)/ 6 पॉक्सो एक्ट, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, त्वरित, पॉक्सो, हल्द्वानी।
उन्होंने बताया कि उक्त तीनों बंदीगणों का अपराध गम्भीरतम प्रकृति का है तथा उनके इस कृत्य से कारागार में निरुद्व अन्य बंदियों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इसलिए इनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाये