विक्रम केशरी, भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। संयुक्त राष्ट्र की इस संबंध में जारी की गई एक रिपोर्ट में बच्चों को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान दुनियाभर के बच्चे सबसे पीड़ित हैं। इस महामारी से उपजे साइड इफेक्ट्स ने बच्चों को सीधे तौर पर प्रभावित किया है। बड़ी संख्या में बच्चों पर इस महामारी के सामाजिक प्रभाव होंगे। अनुमान के मुताबिक इसकी वजह से दुनियाभर में करीब 150 करोड़ बच्चों की स्कूली शिक्षा बाधित हुई है। मनोचिकित्सक डॉ करण माहेश्वरी के अनुसार लॉकडाउन बच्चों पर पूरी जिंदगी के लिए बुरा प्रभाव छोड़ सकता है. कई देशों में बड़े स्तर पर अभिभावकों से हुई बातचीत में खुलासा हुआ है बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर लॉकडाउन का बुरा असर हुआ है। करीब 10 में से सात अभिभावकों ने माना है कि उनके बच्चों की मानसिक स्थिति पर लॉकडाउन का असर पड़ा है। वहीं एक तिहाई का मानना है कि उनके बच्चों का शारीरिक स्वास्थ्य पहले के मुकाबले खराब हुआ है।