भोंपूराम खबरी। मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न अवस्था में जबरन घुमाया गया। इस घटना के बाद से ही सड़क से संसद तक उबाल है। इसी बीच एक और खुलासा हुआ है कि भीड़ की दरिंदगी का शिकार हुए एक महिला के पति करगिल युद्ध में लड़ चुके हैं और रिटायर्ड सूबेदार हैं। उन्होंने बताया है कि उनके इलाके में हालात बेहद खतरनाक और डराने वाले हैं। मणिपुर पुलिस अब तक मुख्य आरोपी हुईरम हीरोदास समेत चार लोगों को गिरफ्त है।
एक अखबार से बातचीत में 65 वर्षीय रिटायर्ड सैनिक और हैवानियत का शिकार हुईं पत्नी बताती हैं कि उनका सबकुछ तबाह हो चुका है। उन्होंने कहा कि वह सामान से सम्मान तक सब गंवा चुके हैं। पीड़ित पत्नी ने कहा, ‘हम दो महिलाओं को बंदूक की नोक पर हजारों लोगों के सामने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया। अगर हमने कपड़े नहीं उतारे, तो उन्होंने हमें जान से मारने की धमकी दी।’
पीड़िता ने आगे बताया, ‘उन्होंने हमें नाचने पर मजबूर किया, धक अगला दिया और परेड कराई। वे सभी जगंली जानवरों की तरह बर्ताव व रहे थे।’ पूर्व सैनिक का कहना है, ‘वह डिप्रेशन में चली गई थी, लेकिन हमारे बच्चों की चिंता करनी थी, इसलिए वह सामान्य होने की कोशिश कर रही है।’
मेरा घर बॉर्डर से ज्यादा खतरनाक
उन्होंने कहा, ‘मैंने करगिल में लड़कर सामने से जंग देखी है। और जब मैं घ वापस आया, तो मेरी खुद की जगह युद्धक्षेत्र से ज्यादा खतरनाक है।’ उन्होंने बताया, ‘वे 4 मई को हमारे गांव आए और घरों को आग लगाना शुरू कर दिया। सभी गांव वाले जान बचाने के लिए यहां बागे। मेरी पत्नी मुझे अलग हो गई और चार अन्य गांववालों के साथ जंगल में पेड़ के पीछे छिप गई। ‘
महिलाओं को बचा रहे पुरुषों को जान से मारा उन्होंने कहा, ‘कुछ हमलावरों ने हमारी बकरियों, सुअरों और मुर्गि अगला को पकड़ा और गांव में भी गए, जहां मेरी पत्नी और अन्य लोगों खोजकर बंदी बना लिया।’ पूर्व सैनिक बताते हैं, ‘महिला को बचाने की कोशिश कर रहे पिता और भाई को मौके पर ही मार दिया।’ उन्होंने बताया कि पत्नी के अलावा एक महिला, एक बच्चा और एक ही परिवार के तीन सदस्य और थे, जिसमें पिता, बेटा और बेटी ऐप पर पढ़ें पुलिसवालों से छीनकर सभी को ले गई।
पूर्व सैनिक ने हैवानों की भीड़ को याद किया और बताया, ‘मैं देख सकता था कि वे पत्नी और अन्य चार लोगों को कुछ दूरी पर ले गए। तीन महिलाओं को कपड़े उतारने पर मजबूर किया गया। हाथों में बच्चे लिए एक महिला को बाद में छोड़ दिया गया और जाने दिया गया। भीड़ ने कम उम्र की महिला का उत्पीड़न करने की कोशिश और जब उसके भाई और पिता ने दखल दिया, तो उन्हें मार दिया गया।’ उन्होंने बताया है कि हैवानों की हैवानियत करीब दो-तीन घंटमें ऐप पर पढ़ें चली। वह देर रात अपनी पत्नी से नागा गांव में मिले और छ लड़की को उसका प्रेमी ले गया। फिलहाल, पति-पत्नी चूड़ाचांदपुर में राहत शिविर में रह रहे हैं।