
पंतनगर। पंतनगर स्थित जीबी पन्त विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानन्द जी के जन्म दिवस के अवसर पर विवेकानन्द स्वाध्याय मण्डल द्वारा दो-दिवसीय राष्ट्रीय युवा संगोष्ठी ’युवा 2021’ का आयोजन यूनिवर्सिटी सेंटर में किया गया। विगत् 15 वर्षों के सफल आयोजन के बाद इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते राष्ट्रीय युवा संगोष्ठी के 16वें संस्करण का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से हुआ। इसमें देश के 100 से अधिक विश्वविद्यालयों के 600 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। विश्वविद्यालय के कुलपति, डा. तेज प्रताप द्वारा द्वीप प्रज्वलन एवं स्वामी विवेकानन्द जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नीति आयोग के उपाध्यक्ष, डा. राजीव कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि किसानों की आय बढाने के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्रयोग आवष्यकताओं को पूरा करके ही आत्मनिर्भरता का स्वप्न साकार किया जा सकता है। उन्होंने कृषि क्षेत्र की चुनौतियां पर जोर डालते हुए कृषि क्षेत्र में निर्यात को 20 से 30 प्रतिशत बढाने के साथ-साथ प्राकृतिक कृषि की बात कही।
कुलपति, डा. तेज प्रताप ने ज्ञान और विज्ञान से समृद्ध संस्कृति और सभ्यता को पुनर्जीवित करने और विवेकानन्द जी के आध्यात्म को अपना पथ प्रदर्शक बनने की बात पर जोर दिया। उत्तराखंड राज्यपाल एवं कुलाधिपति विश्वविद्यालय, श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने वीडियो संदेश के माध्यम से संगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाऐं दी और स्थानीय उत्पादनों को बढावा देकर आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को सफल बनाने की बात भी कही।
अधिष्ठाता कृषि, डा. शिवेन्द्र कुमार कश्यप ने स्वामी जी के विचारों को अपने जीवन में चरितार्थ करने की बात कही। उत्तर प्रांत संगठक, विवेकानन्द केन्द्र, नई दिल्ली के सभट्टाचार्जी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के बारे में अध्ययन करें और उनके सिद्धांतों को जिऐं। स्वामी नरसिंहानन्द, राम कृष्ण मिशन, ने भाषा आत्मनिर्भरता पर बात करते हुए अपनी मातृ भाषा के अधिक से अधिक प्रयोग पर बल दिया और ‘अप्पदीपोभव’ अर्थात अपना प्रकाश स्वयं बनो सूक्त को अपने व्यक्ति में प्रतिबिम्बित करने की बात कही।
कार्यक्रम के अंत में अधिष्ठाता, छात्र कल्याण, डा. ब्रिजेश सिंह ने विश्वविद्यालय परिवार की ओर से सभी मुख्य अथितियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर डा. एस. के. गुरू, प्राध्यापक एवं विद्यार्थी युनिवर्सिटी सेन्टर में उपस्थित थे। कार्यक्रम के अगले दिवस में सभी वक्ता ऑनलाइन माध्यम से शोध पत्र, पोस्टर प्रस्तुतिकरण और वाद-विवाद प्रतियोगिता हेतु अपने विचार उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों के सम्मुख रखेंगे।
कुलपति, डा. तेज प्रताप ने ज्ञान और विज्ञान से समृद्ध संस्कृति और सभ्यता को पुनर्जीवित करने और विवेकानन्द जी के आध्यात्म को अपना पथ प्रदर्शक बनने की बात पर जोर दिया। उत्तराखंड राज्यपाल एवं कुलाधिपति विश्वविद्यालय, श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने वीडियो संदेश के माध्यम से संगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाऐं दी और स्थानीय उत्पादनों को बढावा देकर आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को सफल बनाने की बात भी कही।
अधिष्ठाता कृषि, डा. शिवेन्द्र कुमार कश्यप ने स्वामी जी के विचारों को अपने जीवन में चरितार्थ करने की बात कही। उत्तर प्रांत संगठक, विवेकानन्द केन्द्र, नई दिल्ली के सभट्टाचार्जी ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के बारे में अध्ययन करें और उनके सिद्धांतों को जिऐं। स्वामी नरसिंहानन्द, राम कृष्ण मिशन, ने भाषा आत्मनिर्भरता पर बात करते हुए अपनी मातृ भाषा के अधिक से अधिक प्रयोग पर बल दिया और ‘अप्पदीपोभव’ अर्थात अपना प्रकाश स्वयं बनो सूक्त को अपने व्यक्ति में प्रतिबिम्बित करने की बात कही।
कार्यक्रम के अंत में अधिष्ठाता, छात्र कल्याण, डा. ब्रिजेश सिंह ने विश्वविद्यालय परिवार की ओर से सभी मुख्य अथितियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर डा. एस. के. गुरू, प्राध्यापक एवं विद्यार्थी युनिवर्सिटी सेन्टर में उपस्थित थे। कार्यक्रम के अगले दिवस में सभी वक्ता ऑनलाइन माध्यम से शोध पत्र, पोस्टर प्रस्तुतिकरण और वाद-विवाद प्रतियोगिता हेतु अपने विचार उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों के सम्मुख रखेंगे।