भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। मरीजों के लिए दवाई की किल्लत, कर्मचारियों की कमी, उपकरणों का आभाव और विभाग की लापरवाही चलते दिव्यांग भी पीड़ित हो रहे है। जिला अस्पताल में गुरुवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया। जिसमे अपने प्रमाण पत्र के नवीनीकरण के लिए आये दिव्यांग को नए प्रमाण पत्र बनवाये जाने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया। दिव्यांग को नीट की कॉउंसलिंग में बैठने के लिए प्रमाण पत्र की आवश्यकता है ऐसे में अंदेशा है कि कहीं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही दिव्यांग पर भारी न पड़ जाये।
सरकारी विभाग की कार्यशैली किसी से छुपी नहीं है। जिसमे जनता की परेशानी पर नहीं बल्कि कर्मचारी अपनी सहूलियत पर काम करते है।जिसके चलते आम लोगों के साथ दिव्यांगों को भी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। दिव्यांग के भाई ने बताया कि 2016 में विकासभवन में आयोजित कैंप के दौरान व्यक्ति का प्रमाण पत्र बनवाया गया था।जिसके नवीनीकरण के लिए जिला अस्पताल में आने पर फाइल ढूढ़ने पर आनाकानी की और व्यस्तता की दुहाई देकर नए प्रमाणपत्र की सलाह दे दी गई। उन्होंने बताया कि अगले माह नीट की कॉउंसलिंग के दौरान दिव्यांग के प्रमाण पत्र की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि विभाग का ये रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।