

भोंपूराम खबरी। उधमसिंह नगर जिले के लालपुर टोल प्लाजा पर बीती देर रात घटी एक शर्मनाक घटना ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सत्ता से जुड़े लोगों द्वारा खुलेआम की गई गुंडागर्दी का यह मामला तब उजागर हुआ जब रुद्रपुर ब्लॉक प्रमुख ममता जल्होत्रा के पति और भाजपा नेता विपिन जल्होत्रा ने अपने समर्थकों के साथ टोल कर्मियों की बेरहमी से पिटाई कर दी। सबसे अहम बात यह रही कि इस पूरे घटनाक्रम में विपिन जल्होत्रा के साथ लालपुर नगर पंचायत के चेयरमैन का पुत्र भी शामिल बताया गया है। घटना के बाद भारी दबाव में आकर पुलिस ने भाजपा नेता विपिन जल्होत्रा सहित एक दर्जन लोगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

घटना 6 अप्रैल की रात करीब 12:18 बजे की है, जब टोल प्लाजा पर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी अनमोल कुमार सिंह ने बिना टोल दिए निकल रहे वाहन संख्या UK06BB-1800 को रोकने का प्रयास किया। वाहन में सवार करीब 10–12 लोग, जिनमें भाजपा नेता विपिन जल्होत्रा और नगर पंचायत लालपुर के चेयरमैन का बेटा भी शामिल था, ने टोल कर्मियों से गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद आरोपियों ने टोल बिल्डिंग में जबरन घुसकर न सिर्फ कैश रूम में तोड़फोड़ की, बल्कि कर्मचारियों को जमीन पर गिराकर लात-घूंसे मारते रहे। यह पूरी वारदात टोल प्लाजा के CCTV कैमरों में रिकॉर्ड हो गई है।
टोल कर्मियों के मुताबिक हमलावरों का यह काफिला करीब आधा दर्जन गाड़ियों में मौके पर पहुंचा था और सबके पास हथियारनुमा डंडे व अन्य सामान थे। भाजपा नेता की मौजूदगी में ही कर्मचारियों को अंदर खींच-खींच कर पीटा गया और टोल कार्यालय का गेट बंद कर अंदर तांडव मचाया गया। सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि जिस टोल प्लाजा पर पुलिस चौकी मौजूद है, वहीं मौजूद पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे और आरोपियों को मौके से भागने दिया गया। इससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या सत्ता से जुड़े सफेदपोशों को कानून का डर नहीं रहा?
घटना के बाद टोल कर्मी अनमोल कुमार सिंह की तहरीर पर थाना किच्छा में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने भाजपा नेता विपिन जल्होत्रा, नगर पंचायत लालपुर के पूर्व चेयरमैन के पुत्र सहित 12 नामजद आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 115(2) (गंभीर अपराध का प्रयास), 119 (लोकसेवक को डराने/रोकने के लिए बल प्रयोग), 324(4) (खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना), 331(3) (लोक संपत्ति को नुकसान पहुँचाना), और 352 (आपराधिक बल प्रयोग) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्र के निर्देश पर मामला दर्ज होते ही जांच टीम गठित कर दी गई है।
यह मामला केवल एक मारपीट की घटना नहीं है, बल्कि सत्ता की आड़ में कानून को ठेंगा दिखाने का सीधा उदाहरण है। आम जनता और राजनीतिक संगठनों ने इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब कानून के रक्षक ही सत्ता के दबाव में काम करें और अपराधियों को खुली छूट दे दें, तो न्याय की उम्मीद किससे की जाए? वहीं पुलिस प्रशासन ने दावा किया है कि सभी आरोपियों की पहचान हो चुकी है और जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।