भोंपूराम खबरी। उत्तराखंड के देहरादून जिले में भू-कानून को ताक पर रखकर बड़े पैमाने पर जमीनों की खरीद-फरोख्त की गई। राजस्व विभाग की जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद 300 बीघा जमीन को प्रशासन ने कब्जे में लिया है। जबकि 750 बीघा जमीन को जेडएएलआर ऐक्ट के तहत कब्जा वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें पैसेफिक गोल्फ स्टेट की 12.7 हेक्टेयर और जेपी ग्रुप की 4.5 हेक्टेयर जमीन भी शामिल है।
डीएम सविन बंसल ने बुधवार को बताया कि सरकार की ओर से भूमि खरीद-फरोख्त पर नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। दून जिले में ऐसे मामलों में जेडएएलआर ऐक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है। जिलाधिकारी के मुताबिक जिले में अभी तक 300 बीघा जमीन को प्रशासन अपने कब्जे में ले चुका है। 750 बीघा जमीन चिन्हित की गई है, जिसमें भू-कानून के प्रावधानों का उल्लंघन पाया गया है। इन जमीनों को भी प्रशासन ने कब्जे में लेना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि 28 फरवरी तक ऐसी सभी जमीनों को सरकार में निहित कर लिया जाएगा। इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है।
इन मामलों में हो रही कार्रवाई दून में 1000 बीघा से अधिक भूमि अब तक भू-कानून के उल्लंघन में फंसी है। इसमें देहरादून, विकासनगर और डोईवाला तहसील क्षेत्र के मामले शामिल हैं। प्रशासन के मुताबिक इसमें अधिकांश जमीन जिस कार्य के लिए खरीदी गई, उसमें वह कार्य या तो तय समय सीमा तक शुरू नहीं हुआ या फिर कोई अन्य व्यवसायिक गतिविधि शुरू कर दी गई। इसमें स्कूल, अस्पताल समेत अन्य विशेष प्रयोजन के लिए भू अनुमति प्राप्त करने के बाद भी इन जमीनों का उपयोग तय प्रयोजन के लिए नहीं किया गया।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने सभी तहसीलों से मांगी रिपोर्ट
जिलाधिकारी देहरादून ने सभी तहसीलों से भू-कानून के उल्लंघन के मामलों में कार्रवाई पर हर हफ्ते रिपोर्ट मांगी है। इसे लेकर उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। इसमें उन्होंने साफ किया कि जमीन से जुड़े मामलों में कार्रवाई नोटिस अगला तक सीमित न रहे। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जय प्रभारत सिंह, एसडीएम कालसी गौरी प्रभात, सदर कुमकुम जोशी, विकासनगर विनोद कुमार, चकराता योगेश मेहरा, डोईवाला अऐप पर ढौंडियाल, ऋषिकेश स्मृति परमार के साथ ही तहसीलदार मौजूद रहे।