भोपूराम खबरी,रुद्रपुर। घोषणा के वर्षों बाद भी उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर के स्पोर्ट्स स्टेडियम में विभाग द्वारा सिंथेटिक ट्रैक का निर्माण नहीं किया गया है। यहां अभ्यास के लिए आने वाले खिलाड़ियों ने बताया कि वर्तमान में दुनिया भर में सिंथेटिक ट्रैक पर ही सभी एथलेटिक्स गेम्स होते हैं। लेकिन इसके अभाव में वह प्रतिभा के बावजूद विश्व स्तरीय तैयारी नहीं कर सकते। साधारण ट्रैक पर हड्डियों और लिगामेंट की चोट लगने के चलते कई खिलाड़ी अन्य जगहों पर अभ्यास करते हैं या फिर गेम छोड़ने का मन बनाए बैठे हैं।
जिला स्पोर्ट्स स्टेडियम में अभ्यास करने वाले धावक राजेश कुमार का कहना है कि इस स्टेडियम में दिखावे के लिए बजट खर्च किया जाता है। लाखों रुपये खर्च कर बैडमिंटन कोर्ट, बॉक्सिंग एरीना, हॉस्टल आदि बनाए जा रहे हैं लेकिन सर्वाधिक सुलभ खेल एथलेटिक्स के लिए सिंथेटिक टर्फ नहीं बनाया गया। नाम न छापने की शर्त पर क्रीड़ा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन खेल मंत्री दिनेश अग्रवाल ने यहाँ सिंथेटिक ट्रैक बनाए जाने की घोषणा की थी। इसके लिए बजट भी निर्धारित किया गया था। लेकिन कई वर्ष बीतने के बाद भी इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। उनका यह भी कहना था कि यदि स्टेडियम में आए सामान की विजिलेंस जांच करवाई जाए तो भ्रष्टाचार की पोल खुलेगी।
धाविका हर्षिता का कहना था कि स्पोर्ट्स स्टेडियम में सबसे अधिक खिलाड़ी एथलेटिक्स के इवेंट के आते हैं। यहाँ खिलाडियों में प्रतिभा तो है मगर सुविधाओं के नाम पर सिंथेटिक ट्रैक की कमी है। उन्होंने बताया कि विश्व में एथलेटिक्स की सभी प्रतियोगिताएं सिंथेटिक ट्रैक पर होती हैं लेकिन यहाँ इसकी अनुपलब्धता के कारण खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाते।
सौ मीटर के दौड़ का स्प्रिंटर था। इसी ट्रैक पर दौड़ते हुए टखने में लिगामेंट इंजरी हुई है। सिंथेटिक ट्रैक होता तो चोट से बचा जा सकता था। अब किसी और खेल में भाग्य आजमाऊंगा। खेल विभाग को इस दिशा में काम करना चाहिए अन्यथा मेरी तरह और भी खिलाड़ी यह गेम छोड़ देंगे। ——- आर्यमन आहूजा,,, धावक
घोषणा के बावजूद सिंथेटिक ट्रैक न बनना हैरान करता है। सरकार चाहती है कि खिलाड़ी देश के लिए मैडल जीते मगर रुद्रपुर जैसे विकसित शहर में एक सिंथेटिक ट्रैक तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा। हम विश्व स्तरीय प्रतियोगिताएं के लिए तैयारी नहीं कर पायेंगे। ——— वंश आर्या ,,, एथलीट
जिला क्रीड़ा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही चिंताजनक है। विकास के तमाम दावे किये जाते हैं मगर धरातल पर हकीक़त कुछ और ही है। विभाग भ्रष्टाचार में डूबा है। यदि ईमानदारी से खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में काम किया जाए तो देश के लिए कई मैडल रुद्रपुर ही ला सकता है। मनीष कुमार, मैराथन आकांक्षी धावक