भोंपूराम खबरी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मंगलवार को फ़िज़ी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फ़िज़ी’ से सम्मानित किया गया. मुर्मू ने दोनों देशों के संबंधों की प्रशंसा की और कहा कि भारत एक मजबूत, लचीला और अधिक समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए फ़िज़ी के साथ साझेदारी करने को तैयार है.
राष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘फ़िज़ी के राष्ट्रपति रातू विलियम मैवालिली कटोनिवेरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फ़िज़ी’ पुरस्कार प्रदान किया. यह फ़िज़ी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है.”
मैं आपको आपके पूर्वजों की भूमि भारत के 1.4 अरब भाइयों और बहनों की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। पिछले 24 घंटों में, जब से मैं यहां फिजी में हूं, इस खूबसूरत देश के लोगों की गर्मजोशी और स्नेह से मैं बहुत प्रभावित हुई हूं।
हालांकि यह फिजी की मेरी पहली यात्रा है, हर जगह आपकी…फ़िज़ी की दो दिवसीय यात्रा पर आयीं मुर्मू ने इस सम्मान को भारत और फ़िज़ी के बीच ‘‘दोस्ती के गहरे संबंधों का प्रतिबिंब” बताया. यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इस द्वीपसमूह राष्ट्र की पहली यात्रा है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने फ़िज़ी की संसद को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे भारत वैश्विक मंच पर मजबूती से उभर रहा है, हम एक मजबूत, लचीला और अधिक समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए आपकी प्राथमिकताओं के अनुसार फ़िज़ी के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार हैं. आइए, हम अपने दोनों प्रिय देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए अपनी साझेदारी की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए एक साथ आएं.”
जहां भारतीय प्रवासियों ने लगभग हर देश में अपनी छाप छोड़ी है, वहीं फिजी में आपकी असाधारण यात्रा विशेष रूप से दुनिया के लिए महान प्रेरणा का स्रोत है।
अनेक कठिनाइयों के बीच अग्रणी पीढ़ियों द्वारा दिखाया गया दृढ़ संकल्प, उनका संघर्ष और बलिदान, और फिर उनकी सफलता, एक अद्भुत विरासत है।…
उन्होंने कहा कि आकार में बहुत अंतर होने के बावजूद भारत और फ़िज़ी में जीवंत लोकतंत्र समेत काफी कुछ एक समान है. उन्होंने याद किया कि करीब 10 वर्ष पहले इसी हॉल में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ मूल मूल्यों का जिक्र किया था जो भारत और फ़िज़ी को जोड़ते हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘इनमें हमारा लोकतंत्र, हमारे समाज की विविधता, हमारी नस्ल कि सभी मनुष्य समान हैं, तथा प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, सम्मान और अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता शामिल हैं. ये साझा मूल्य शाश्वत हैं तथा आगे भी हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे.”
उन्होंने कहा, ‘‘यहां बिताए अपने थोड़े से समय में, मैं देख सकती हूं कि बाकी दुनिया को फ़िज़ी से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. फ़िज़ी की सौम्य जीवनशैली, परंपराओं तथा रीति-रिवाजों के प्रति गहरा सम्मान, खुला और बहुसांस्कृतिक वातावरण, फ़िज़ी को तेजी से संघर्षों में घिर रही इस दुनिया में इतना खास बनाता है. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि फ़िज़ी वह जगह है जहां बाकी दुनिया अपनी खुशियां ढूंढने आती है.”