भोंपूराम खबरी। खुदाई के दौरान उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर धाम के निकट कोटेश्वर गांव में एक रहस्यमय घटना सामने आई है। ग्रामीणों के मुताबिक कोटेश्वर गांव में हरुजाग के पास खेत की दीवार निर्माण का काम चल रहा था। दीवार निर्माण के लिए खुदाई शुरू होते ही जमीन के भीतर से एक काला नाग बाहर निकल आया।
भय के मारे काम कर रहे श्रमिक मौके से भाग खड़े हुए। उसके बाद दीवार निर्माण का कार्य रोक दिया गया था। जमीन से काला नाग निकलने की सूचना के बाद आज यानी रविवार सुबह स्थानीय जागरुक युवा शेखर भट्ट के नेतृत्व में गिरीश, अशोक, नाथू, किरन आदि ने मौके पर मिट्टी का टीला हटाने का काम शुरू किया। खुदाई होते ही भीतर से पहले एक विशालकाय शिवलिंग उभरकर सामने आ गया। खुदाई आगे बढ़ी तो जमीन के भीतर एक और शिवलिंग व एक मंदिर देख युवा चौंक पड़े। सूचना मिलते ही मौके पर आसपास के लोगों की भीड़ उमड़ गई। लोगों ने मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू कर दी थी। इस रहस्यमय घटना को लोग भगवान का चमत्कार मान रहे हैं। पुरात्वविदों के मुताबिक शिवलिंग हजारों साल पुराना है।
आसपास कई पुरातात्विक धरोहरें होने की संभावना
कोटेश्वर गांव का जागेश्वर धाम के मंदिरों से सीधा संबंध बताया जाता है। कहा जाता है कि डेढ़ हजार साल पहले जागेश्वर के मंदिरों के निर्माण के लिए कोटेश्वर से ही पत्थरों की आपूर्ति हुई थी। कोटेश्वर में नदी किनारे कोटलिंग नामक एक रहस्यमय स्थान आज भी मौजूद है। उस स्थान पर खुदाई करते ही जमीन से प्राचीन शिवलिंग निकलते हैं। कोटलिंग का रहस्य आज तक पुरातत्विद नहीं सुलझा पाए हैं। ऐसी संभावना जताई जाती है कि कोटलिंग के आसपास जमीन के नीचे जागेश्वर का प्राचीन इतिहास छिपा हुआ है। उत्खनन कार्य होने के बाद इस स्थान पर एक बड़े रहस्य का खुलासा होने की संभावना लोग जताते आए हैं।
पुरातत्व विभाग की टीम करेगी दौरा
जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष नवीन भट्ट ने कोटेश्वर में जमीन के भीतर से शिव मंदिर निकलने की सूचना क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान को फोन पर दी। डॉ. चौहान ने कहा कि कोटेश्वर काफी प्राचीन स्थल हैं। कोटेश्वर का जागेश्वर के मंदिर निर्माण से सीधा संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि कोटेश्वर में जमीन के भीतर और भी कई पुरातात्विक धरोहरें दबी हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही वह विभागीय टीम के साथ कोटेश्वर पहुंचकर जमीन के भीतर से निकले शिव मंदिर और शिवलिंग का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। उसके बाद इस मामले में आगे की कार्यवाही की जाएगी।