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Sunday, December 22, 2024

पांच साल का है गंभीर का राजनीतिक करियर, करीब सात लाख वोट मिले, आतिशी-लवली को हराया था

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भोंपूराम खबरी। गंभीर का राजनीतिक करियर लगभग पांच साल का रहा है। 22 मार्च 2019 को वह केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे।

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा के सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने अपने एक फैसले से सभी को चौंका दिया है। गौतम गंभीर ने राजनीति से दूरी बनाने का फैसला लिया है। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर रानजीतिक जिम्मेदारियों से आजाद होने की बात कही है। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से उन्हें उनके कर्तव्य से मुक्त कर देने की गुहार लगाई है। साथ ही उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह को धन्यवाद दिया है। गंभीर पूर्वी दिल्ली से लोकसभा के सांसद हैं। उनके पोस्ट से यह बात तो साफ हो गई है कि वह इस बार के आम चुनाव में नहीं उतरेंगे।

गंभीर ने क्या लिखा?

गंभीर ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ‘मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से अनुरोध किया है कि मुझे मेरे राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करें ताकि मैं अपनी क्रिकेट को लेकर प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। मुझे लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जी को तहेदिल से धन्यवाद देता हूं। जय हिन्द!’ भारत सरकार द्वारा गौतम गंभीर को 2008 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वहीं, 2019 में उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है।

गंभीर का राजनीतिक करियर

गंभीर का राजनीतिक करियर लगभग पांच साल का रहा है। 22 मार्च 2019 को वह केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे। उन्हें 2019 लोकसभा चुनाव में 696,158 वोट मिले थे। उन्होंने पूर्वी दिल्ली सीट पर कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली और आम आदमी पार्टी की आतिशी मार्लेना को हराया था। लवली को 3,04,934 और आतिशी को 2,19,328 वोट मिले थे।

गंभीर ने गरीब और अनाथ बच्चों की आर्थिक मदद करके उनका भविष्य संवारने में मदद के लिए ‘गौतम गंभीर फाउंडेशन नाम’ के NGO की स्थापना भी की। साथ ही सुकमा में हुए नकसली हमले में शहीद हुए जवानों के बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च वहन करते हैं। इसके अलावा जनरसोई की मदद से गरीबों के लिए एक रुपये में खाना उपलब्ध करवाया। वह समय-समय पर इसकी जांच भी करते हैं और खुद अपने हाथों से खाना बांटते हुए दिखते हैं। जनरसोई में वे लोग एक रुपये में भरपेट खाना खा सकते हैं, जिनके पास खाना खरीदने के लिए पैसा नहीं है। वह अब तक पांच जन रसोई खोल चुके हैं। हालांकि, पांच साल में ही उनका राजनीति से मोहभंग हो गया है। अब वह दोबारा क्रिकेट की तरफ रुख करना चाहते हैं। गंभीर हाल ही में कोलकाता नाइट राइडर्स के मेंटर नियुक्त किए गए थे। इससे पहले वह लखनऊ सुपर जाएंट्स के मेंटर रहे थे।

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