भोंपूराम खबरी।।धनतेरस के पावन पर्व पर आज किस समय धन के देवता कुबेर और आरोग्य के देवता धन्वंतरि की पूजा करने पर तीन गुना फल प्राप्त होगा, शुभ मुहूर्त जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख. हिंदू धर्म से जुड़े लोगों को दीपों से जुड़े जिस पंचमहापर्व यानि दीपावली का इंतजार पूरे साल बना रहता है, उसकी शुरुआत आज धनतेरस से होने जा रही है. इस साल तिथियों के घटाव-बढ़ाव और सूर्यग्रहण के चलते यह पंचमहापर्व छह दिनों में मनाया जाएगा. रायपुर के जाने-माने ज्योतिषविद् डॉ. इंदुभवन के अनुसार जिस दिन सायंकाल में त्रयोदशी तिथि होती है, उसी दिन धनतेरस का व्रत ओर पूजन करना चाहिए. देश की राजधानी दिल्ली के समयानुसार आज त्रयोदशी सायंकाल 06:02 बजे से प्रारंभ होकर के 23 अक्टूबर 2022 को सायंकाल 06:03 बजे तक रहेगी. डॉ. इंदुभवन के अनुसारधनतेरस की पूजा के लिए प्रदोष काल को सबसे उत्तम काल माना गया है. ऐसे में धनतेरस की पूजा इसी समय करना चाहिए।
प्रदोष काल – सायंकाल 05:24 से 07:55 बजे तक
वृषभ काल – सायंकाल 06:39 से रात्रि 08:37 बजे तक
काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी के ट्रस्टी और कर्मकांड के विद्वान पं. दीपक मालवीय के अनुसार आज धनतेरस पर तिथि वार और नक्षत्र से मिलकर एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्रिपुष्कर नाम का योग साथ ही ब्रह्म नाम का शुभ योग भी बन रहा है इस शुभ योग में किए गए निवेश इन्वेस्टमेंट 3 गुना लाभ प्रदान करते हैंं. ऐसे में आज 22 अक्टूबर 2022, शनिवार को धनत्रयोदशी यानि धनतेरस मानते हुए यदि आप सोने-चांदी आदि से बने बर्तन आदि सामान की खरीददारी करते हैं तो निश्चित रूप से आपको उसका तीन गुना अधिक लाभ प्राप्त होगा. यदि आप आज 22 तारीख को खरीददारी नहीं कर पाते हैं तो आप 23 अक्टूबर 2022, रविवार के दिन भी सर्वार्थ सिद्धि योग में खरीददारी कर सकते हैं।
पंडित दीपक मालवीय के अनुसार आज 22 अक्टूबर 2022, शनिवार को धनतेरस के साथ शनि प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा. आज के दिन गृहस्थ व्यक्तियों को शाम के समय प्रदोष काल में सायंकाल 05:24 के पश्चात गृहस्थ व्यक्तियों को भगवान धन्वंतरि, महालक्ष्मी, भगवान श्री गणेश और कुबेर देवता का पूजन करना उत्तम रहेगा. धनतेरस की पूजा के लिए स्थिर लग्न को सर्वाधिक मान्यता प्राप्त है. पंडित दीपक मालवीय के अनुसार आज स्थिर वृष लग्न सायंकाल 6:39 से रात्रि 8:37 बजे तक रहेगा. इस शुभ समय में घर, दुकान आदि में आप पूजा करके शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं।