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Thursday, November 21, 2024

तराई में 45 सौ हेक्टेयर भूमि पर होगी जैविक खेती

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भोंपूराम खबरी। रुद्रपुर कृषि विभाग जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने जा रहा है। पहली बार करीब 45 सौ हेक्टेयर भूमि पर बड़े पैमाने पर किसान जैविक खेती करेंगे। इसके लिए सात विकास खंडों से करीब 225 क्लस्टर बनाए जाएंगे। लगभग 20 हेक्टेयर भूमि का एक क्लस्टर तैयार किया जाएगा और भूमि के मालिक किसानों को क्लस्टर का सदस्य बनाया जाएगा। तीन वर्ष तक ये क्लस्टर चलते रहेंगे। विभाग की तरफ से जैविक निवेश किया जाएगा। इससे पहले वर्ष, 2018 में तीन वर्ष के लिए जैविक खेती के लिए 11 क्लस्टर बनाए गए थे।

वर्ष 2015 में केंद्र सरकार की और से जैविक खेती को बढ़ावा देने और मिट्टी की सेहत में सुधार करने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) की शुरुआत की गई थी। वर्तमान में आकांक्षीय जनपद योजना के तहत 20-20 हेक्टेयर के पांच कलस्टर चल रहे हैं। इनमें बाजपुर में दो, खटीमा, जसपुर व सितारगंज में एक-एक कलस्टर है। प्रदेश के तराई क्षेत्र में ऊधम सिंह नगर जिला धान का कटोरा के रूप में पहचाना जाता है। हर साल यहां बड़े पैमाने पर धान व गेहूं की खेती होती है। इसको देखते हुए कृषि विभाग की ओर से कार्ययोजना तैयार की जा रही है। विभाग की तरफ से जैविक प्रमाणीकरण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए जसपुर से लेकर खटीमा तक सात विकास खंडों में लगभग 225 क्लस्टर बनाए जाएंगे। 20 हेक्टेयर का एक क्लस्टर होने से लगभग 45 सौ हेक्टेयर भूमि चयनित होगी। जिस पर क्लस्टर के सदस्य किसान पर्यावरण के अनुकूल और कम लागत वाली तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए रसायनों और कीटनाशकों से मुक्त खेती करेंगे।

जैविक खेती के फायदे

• ग्रामीण युवाओं, किसानों, उपभोक्ताओं, और व्यापारियों के बीच जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। ● जैविक खेती में नई तकनीकों का इस्तेमाल हो सकेगा।

• सार्वजनिक कृषि अनुसंधान प्रणाली के विशेषज्ञों की मदद मिलेगी।

• मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन बेहतर हो सकेगा।

• रसायनमुक्त फसलों से शुद्ध अनाज की पैदावार होगी। • फसलों का दाम भी अच्छा मिलेगा।

जिले में परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा देने और मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए जिले के सभी सात विकास खंडों में 225 क्लस्टर बनाए जाएंगे। इस क्लस्टर में कई किसान शामिल हो सकते हैं। क्लस्टर बनाने के लिए किसानों का चयन किया जा रहा है। इस योजना से जुड़ने के लिए किसान न्याय पंचायत, खंड विकास कार्यालय व कृषि विभाग में आवेदन कर सकते हैं। क्लस्टर बनते ही चयनित किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये किसान बासमती धान, गेहूं, फल व सब्जी का जैविक विधि से उत्पादन करेंगे। डा. अभय सक्सेना, मुख्य कृषि अधिकारी ऊधम सिंह नगर

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