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Thursday, November 14, 2024

काशीपुर में वीडियोकॉन के खिलाफ वाद दर्ज,कंपनी को नोटिस भेजा, वर्षों पहले बन्द हो चुकी है कंपनी

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भोंपूराम खबरी। बाहरी प्रदेश से होने पर प्रदेश में 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीदने और तय प्रायोजन के लिए प्रयोग न करने के मामलों को लेकर तहसीलों के स्तर पर चिनीकरण का कार्य जारी है। अब तक ऐसे 41 मामलों में संबंधित क्षेत्र के उपजिलाधिकारियों ने वाद दायर कर संबंधित पक्षों को नोटिस भेजा है। कभी टीवी और वॉशिंग मशीन समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने में देश की अग्रणी कंपनियों में एक रही वीडियोकॉन को भी काशीपुर के एसडीएम ने काशीपुर में उद्योग लगाने के लिए ली गई भूमि का तय समय में तय प्रायोजन के लिए उपयोग नहीं करने पर नोटिस भेजा है। एसडीएम काशीपुर की कोर्ट में इस संबंध में बाद दर्ज किया गया है। 15 दिन में नोटिस का जवाब देने का समय दिया गया है। शासन के निर्देश पर रही प्रदेश के बाहर के लोगों की भूमि खरीदने और संबंधित प्रायोजन के लिए प्रयोग नहीं करने के मामलों में जांच तेज हो गई है। अब तक ऐसे 41 मामलों को चिह्नित किया है। सभी को उपजिलाधिकारियों के माध्यम से जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की धारा 166 और 167 के तहत नोटिस भेजे गए हैं। संबंधित भूमि के क्रेताओं से 15 दिन के अंदर उनका जवाब मांगा गया है। तय समयावधि में संतोषजनक जवाब न मिलने पर जिला प्रशासन ऐसी संपत्ति को राज्य सरकार में निहित करने की कार्रवाई करेगा। एसडीएम काशीपुर अभय प्रताप सिंह ने बताया कि काशीपुर में पूर्व में वीडियोकॉन कंपनी चल रही थी। यह अब बंद हो चुकी है।

कंपनी की ओर से काशीपुर में उद्योग के लिए भूमि खरीदी गयी थी। संबंधित भूमि का कंपनी ने तय समय में तय प्रायोजन के लिए प्रयोग नहीं किया। कंपनी के खिलाफ कोर्ट में बाद दर्ज किया गया है। कंपनी को नोटिस जारी किया गया है। 15 दिन के भीतर इसका संतोषजनक जवाब नहीं देने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कुल 0.607 हेक्टेयर भूमि वीडियोकॉन इंडस्ट्री लिमिटेड के नाम अभिलेखों में हुई थी दर्ज

11 अक्टूबर 2024 काशीपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय राजस्व उपनिरीक्षक / राजस्व निरीक्षक से जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। इसमें बताया गया कि शासनादेश संख्या 13 / भू. क्रय/18 (1)/2007 14 मई 2007 के अनुसार ग्राम कुदाइवाला तहसील काशीपुर के गाटा संख्या 371 मि. रकवा 0.157 हेक्टेयर 372 रकवा 0.06 1 हेक्टेयर, 373 रक्वा 0.389 हेक्टेयर कुल रकवा 0.607 हेक्टेयर भूमि मैसर्स वीडियोकॉन इंडस्ट्री लिमिटेड पंजीकरण कार्यालय ऑटो कारस कम्पाउण्ड अदालत रोड औरंगाबाद महाराष्ट्र के नाम वर्ग के संक्रमणीय भूमिधर में दर्ज अभिलेख है। गाटा संख्या 373 में गार्ड का कमरा बना है। शेष भूमि मौके पर खाली पड़ी हुई है। भूमि को औद्योगिक प्रायोजन के लिए क्रय किया गया है लेकिन मौके पर भूमि खाली है। जिससे अनुमति की शर्तों का उल्लंघन होता है। एसडीएम ने अनुमति के सापेक्ष शर्ती का उल्लंघन पर धारा 167 जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था 1950 के तहत नोटिस जारी किया है।

कहां कितने मामलों में उल्लंघन

जसपुर में 2. बाजपुर में 7, गदरपुर में 5. रुद्रपुर में14, किछा में 9. सितारगंज में 2. नानकमत में 1 मामले में उल्लंधन हुआ।

खेती-उद्योग के नाम पर ली भूमि और हवा में उड़ा दिए नियम बाहरी लोगों के प्रदेश में भूमि खरीदने से पूंजी निवेश होने और औद्योगिक विकास की उम्मीदों को कई लोगों ने झटका दिया है। खेती और उद्योग लगाने के नाम पर खरीदी गई भूमि के मामलों में ही सर्वाधिक नियम और शर्तों का उल्लंघन हुआ है। अब जब शासन के निर्देश पर जांच हो रही है कि ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इन सभी मामलों में संबंधित उपजिलाधिकारी के कोर्ट में वाद दायर किए गए हैं।उत्तराखंड में प्रदेश से बाहर के व्यक्ति के लिए अधिकतम 250 वर्ग मीटर भूमि बिना किसी अनुमति से खरीदने का प्रावधान है। वहीं इससे अधिक और साढ़े बारह एकड़ तक भूमि की खरीद के लिए जिलाधिकारी और शासन के स्तर से अनुमति दी जाती है। जबकि साढ़े बारह एकड़ से अधिक भूमि खरीने पर शासन स्तर से अनुमति दी जाती है। वहीं 250 वर्ग मीटर से अधिक और साढ़े बारह एकड़ से कम भूमि क्रय करने के लिए जिलाधिकारी स्तर और शासन स्तर से भूमि क्रय करने की अनुमति के अलग- अलग मानक बने हुए हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त और राजस्व अशोक कुमार जोशी ने बताया कि अब तक बाहरी लोगों की ओर से ली गई भूमि के मामलों में संबंधित प्रायोजन के लिए प्रयोग करने के 41 मामले चिह्नित हुए हैं। इसमें कृषि के 24, उद्योग के 9, शिक्षा के 3. चिकित्सा के 2 और आवासीय प्लाटिंग के 3 मामलों में संबंधितों ने जिस प्रायोजन के लिए भूमि खरीदी थी, उस प्रायोजन के लिए समय रहते इसका प्रयोग नहीं किया है।। ऐसे सभी मामलों में संबंधित उपजिलाधिकारियों की कोर्ट में बाद दर्ज किए गए हैं और संबंधितों को नोटिस जारी किए गए हैं। जिले में कुल भूमि में से 119.163 हेक्टेयर भूमि का संबंधित प्रयोजन के लिए तय समयाविधि में प्रयोग न करना पाया है।

अल्मोड़ा। प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की । तो जिले में गलत तरीके से भूमि खरीदने वालों के नाम सामने आने लगे हैं। प्रशासन ने बीते 20 साल में भूमि खरीदने वाले ऐसे 11 लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है, जिन्होंने तय शर्तों का पालन नहीं किया। इनमें पटना, दिल्ली, हरियाणा, नोएडा सहित विभिन्न राज्यों के उद्योगपति शामिल हैं। प्रदेश भर में इन दिनों भू-कानून की मांग जोर पकड़ रही है। लोगों की मांग पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलों के डीएम से रिपोर्ट देने को कहा था प्रशासन की जांच में 23 लोगों के नाम सामने आए थे। इनमें से अधिकांश मामले कोर्ट में लंबित चल रहे हैं।। लेकिन अब 11 ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने यहां भूमि तो खरीदी लेकिन तय शर्तों का पालन नहीं किया। लोगों ने बागवानी, ईको टूरिज्म, हैल्थ रिसोर्ट, हर्बल प्लांट स्कूल व हॉस्टल के नाम से भूमि खरीदी। लेकिन आज तक भूमि पर कोई कार्य नहीं किया गया। कुछ लोगों ने तो खरीदी भूमि की आड़ पर सरकारी जमीन पर ही कब्जा कर लिया।

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