Friday, March 14, 2025

इजराइल पर हमास के हमले के बाद क्यों चर्चा में है 6 अरब डॉलर की US-ईरान डील?

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भोंपूराम खबरी। फ़िलिस्तीनी आतंकी ग्रुप हमास के शनिवार को हुए हमले और इजराइल (Israel-Hamas War) की जवाबी कार्रवाई में अब तक 1100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. वहीं अमेरिका में राष्ट्रपति उम्मीदवार की दौड़ में चल रहे लोगों का आरोप है कि अमेरिका का पैसा इजराइल पर हमले के लिए इस्तेमाल किया गया है. जिस पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जवाब दिया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक रविवार को उन्होंने कहा कि ईरान अमेरिका-ईरानी कैदियों की अदला-बदली के सौदे के रूप में रुकी हुई 6 अरब डॉलर की धनराशि में से ईरान ने एक भी डॉलर खर्च नहीं किया है. ब्लिंकन ने ये भी कहा कि अब तक इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि इजराइल पर हुए हमले के लिए हमास को ईरान ने समर्थन दिया है या फिर ईरान का इसके पीछे कोई भी हाथ है.

ईरान कैदी अदला-बदली सौदा क्या था?

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की मंजूरी के बाद एक डील की डिटेल सार्वजनिक की गई थी. जिसमें तेहरान द्वारा दक्षिण कोरिया में जमा किए गए 6 अरब डॉलर के बदले हिरासत में लिए गए पांच अमेरिकी नागरिकों को छोड़ने की अनुमति दी गई थी. साथ ही अमेरिका में पकड़े गए पांच ईरानियों को छोड़े जाने पर भी सहमति बनी थी. यह डील अमेरिका और ईरान के बीच हुई थी.

6 बिलियन डॉलर क्या था?

ईरान का 6 बिलियन डॉलर दक्षिण कोरियाई बैंकों में अमेरिका की वजह से फंसा हुआ था. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के दौरान वाशिंगटन ने 2019 में ईरान के तेल निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और उसके बैंकिंग क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने के बाद, ईरानी तेल के राजस्व को सियोल में रोक दिया गया था.

अब 6 बिलियन डॉलर कहां हैं?

ईरान का पैसा उसे वापस नहीं दिया गया था. कतर का केंद्रीय बैंक उस फंड की देखरेख कर रहा है, जो अभी भी दोहा में है. ब्लिंकन ने रविवार को सीएनएन के “स्टेट ऑफ द यूनियन” को बताया कि फंसा हुआ पैसे में यूएस टेक्सपेयर डॉलर शामिल नहीं है. उन्होंने कहा कि यह ईरान के रिसोर्सेज थे जो कि ईरान से अपना तेल बेचकर जमा किए थे. यह पैसा दक्षिण कोरिया के एक बैंक में फंस गया था.

 

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