
भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। जीबी पंत विश्वविद्यालय की महिला सहायक प्राध्यापिका को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार आर्या ने अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने आरोपी पति डॉ. आदेश यादव को पांच वर्ष का कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि ग्राम में 15 दिसम्बर 2015 को रिपोर्ट दर्ज करायी थी। इसमें बताया था कि उनकी पुत्री डॉ. किरण यादव की शादी 7 मई 2015 को भूदेवीनगर सिकंदराबाद तेलंगाना निवासी डॉ. अशोक यादव पुत्र वीरेंद्र यादव के साथ हुई थी।
आरोप था कि शादी के कुछ समय बाद ही पति सास-ससुर और देवर उसे कम दहेज लाने के लिए उत्पीड़ित करने लगे । किरन यादव ने यह बात उन्हें फोन कर बताई थी। इस पर उन्होंने अपने छोटे पुत्र संतोष यादव को 4 जुलाई 2015 को बेटी के सुसराल भेजा । आरोप था कि वहां ससुराल वाले उनकी बेटी को काफी सारा धन और बड़ी कार लेकर ही वापस लौटने को कहा। वहीं इसके बाद किरन ने हैदराबाद में कुछ समय अध्यापक की नौकरी की। इसी दौरान उसकी नौकरी पंतनगर विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के रूप में लग गई। वह पंतनगर विश्वविद्यालय के आवास में शिफ्ट हो गई। आरोप है कि इसके बाद उसके पति डॉ. आदेश यादव ने उसे वकील के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजा तो वह परेशान रहने लगी। धमकी देने का आरोप लगाया। अगले दिन 14 दिसंबर को जब भाई संतोष यादव आवास पर गया तो देखा कि किरन ने चुन्नी का फंदा बनाकर पंखे से लटकर जान देदी थी। आरोप था कि कम दहेज लाने व कार की मांग से परेशान होकर उनकी बेटी ने फांसी लगाई थी। मामले में पंतनगर पुलिस ने मृतका के पति डॉ. आदेश यादव के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट प्रस्तुत की। उसके विरुद्ध तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार आर्या की कोर्ट में वाद चला।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने 14 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिए। मंगलवार को एडीजे मुकेश कुमार आर्या ने आरोपी डॉ. आदेश यादव को को 5 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।