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Saturday, July 27, 2024

विवादों से है जैन परिवार का चोली-दामन का साथ 

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भोंपूराम खबरी रुद्रपुर। यह पहली बार नहीं है कि रुद्रपुर के धनी लोगों में गिने जाने वाले जैन परिवार का नाम किसी विवाद में आया हो। इससे पूर्व भी शहर के एक होटल व्यवसायी व ट्रांसपोर्टर पर गोली चलाने के मामले में जैन परिवार के मुखिया जयचंद जैन, उनके बड़े पुत्र चिराग जैन और एक बार फिर सुर्खियाँ बटोरने वाले छोटे पुत्र दीपक जैन को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दस साल की सजा सुनाई थी। वर्तमान में तीनों पिता-पुत्र जमानत पर बाहर हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। यही नहीं शहर को हिला देने वाले सेक्स क्लिपिंग काण्ड का मुख्य आरोपी भी यही दीपक जैन था। हालाँकि बाद में साक्ष्यों के अभाव में वह उस केस से बरी हो गया था।

एक साढ़े चार साल की बच्ची को अपनी हनक में गोली मारने वाले दीपक जैन का विवादों से बहुत पुराना नाता है। साल 2008 में दीपक का नाम शहर में हुए सेक्स क्लिपिंग काण्ड में आया था। तत्कालीन एसएसपी डॉ पीवीके प्रसाद ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए इसमें कार्रवाई की थी। शहर के ही एक संभ्रांत परिवार की युवती का नाम उछलने के बाद मामला तूल पकड़ गया था और आक्रोशित शहरवालों ने जैन के घर पर धावा बोल दिया था। इस दौरान आत्मरक्षा में जैन परिवार की ओर से फायरिंग भी की गयी थी। मामले में शहर के बड़े परिवारों के कुछ और शहजादे भी शामिल थे। लेकिन कालांतर में साक्ष्यों के अभाव में यह मामला बंद हो गया था।

इसके बाद साल 2010 में दीपक जैन अपने कारनामों से फिर चर्चा में आया जब उसने होटल अरोमा क्लासिक में शराब के नशे में होटल मालिक नरेश बब्बर पर अपनी रिवाल्वर से फायरिंग कर दी थी। इस मामले में जिला कोर्ट के बाद हाई कोर्ट में मुकदमा पहुंचा जहाँ से दीपक जैन और उसके पिता जयचंद जैन सहित बड़े भाई चिराग जैन को दस साल कारावास की सजा सुनाई गयी थी। इस घटना के बाद प्रशासन ने दीपक का लाइसेंसी हथियार भी निरस्त कर दिया था। अपने रसूख व खानदानी रईसी के चलते जयचंद ने केस में उच्चतम न्यायालय में अपील की जहाँ फिलवक्त यह मुकदमा विचाराधीन है। इस मामले में तीनों बाप-बेटे को उच्चतम न्यायालय से जमानत मिल चुकी है।

लेकिन पैसे और ताक़त के नशे में चूर दीपक जैन अभी भी अपनी हनक में लोगों के लिए खतरा बना हुआ है। जिले के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर का कहना है कि इस बाद दीपक जैन को बख्शा नहीं जायेगा और उसके इतिहास को देखते हुए बच्ची को गोली मारने के मामले में उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाएगी। फिलहाल दीपक जैन फरार है और पुलिस विभाग ने तीन टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए गठित कर दी हैं। वहीं, घटना के बाद शहर के लोगों में रोष है और उनका कहना है कि दीपक की सही जगह जेल ही है और उसे किसी भी कीमत पर जमानत नहीं दी जानी चाहिए। लोगों का कहना था कि दीपक जैन रुद्रपुर के समाज के लिए बड़ा खतरा बन चुका है।

 

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