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Saturday, July 27, 2024

रुद्रपुर नगर निगम के विवादित सभागार का मामला पहुंचा हाई कोर्ट

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भोंपूराम खबरी। रुद्रपुर नगर निगम में करोड़ों की लागत से बने विवादित सभागार का काम पूरा हो गया है। बताया जा रहा की रविवार को इसका उदघाटन करने सीएम पुष्कर सिंह धामी आ रहे हैं। हालांकि प्रशासन की तरफ से अभी तक इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं की है।, लेकिन मेयर रामपाल सिंह ने पूरे शहर में उनके स्वागत के लिए जिस प्रकार पोस्टर बार किया है, उससे साफ है कि मेयर सीएम धामी के नगर निगम आने को लेकर पूरी तरह अस्वस्थ है।

आपको बता की नगर निगम में करोड़ों रुपए की लागत पिछले वर्ष सभागार का निर्माण शुरू हुआ था, आरटीआई कार्यकर्ता रामबाबू ने मामले की सूचना मांगी तो पता चला की नगर निगम ने सभागार की न तो भूमि फ्री होल्ड कराई है और न ही उसका नक्शा पास है। मामले का खुलासा होने पर जिला विकास प्राधिकरण ने भवन को सीज कर दिया है। इसके कुछ महीने बाद भवन का निर्माण फिर शुरू हो गया। बाद में पता चला की नगर निगम ने जमीन फ्री होल्ड कराने के बाद भवन की डीडीए से कंम्पाउडिंग करा ली है। जिसमें करीब 1.71करोड रुपया खर्च हुआ है। मजेदार बात यह थी कि लगाए गए जुर्माने की धनराशि जमा किए बगैर ही डीडीए ने सभागार के निर्माण को हरी झंडी दे दी। इस मामले आरटीआई कार्यकर्ता रामबाबू ने डीएम, मंडलायुक्त, सीएम, मुख्य सचिव, राज्यपाल को पत्र भेजकर नगर निगम के कारनामों का खुलासा कर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसके बाद उन्होंने मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। कोर्ट ने उनकी जनहित याचिका स्वीकार कर नगर निगम के अफसरों से जबाव मांगा है। यानी हाईकोर्ट ने यह मान लिया है कि जनहित याचिका दायर करने वाले के आरोपों सच है। इधर हाईकोर्ट में मामला होने बाद भी मेयर रामपाल सिंह और नगर आयुक्त विशाल मिश्रा विवादित सभागार का आनन-फानन में उद्घाटन करने की तैयारी में जुटे हैं। नगर निगम में इसको लेकर युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है, तो सीएम के स्वागत के लिए मेयर ने शहर सड़कों को पोस्टरों से पाट दिया है। जिसमें सीएम पुष्कर धामी के द्वारा नगर निगम सभागार का रविवार को उद्घाटन करने का दावा किया गया है।

सवाल यह है कि क्या सीएम पुष्कर सिंह धामी विवादित सभागार का उद्घाटन करेंगे। यदि भविष्य में हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई में इसे अवैध ठहरा दिया, तो सीएम जनता को क्या जवाब देंगे।

आरटीआई कार्यकर्ता रामबाबू का कहना है कि सभागार में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमिताएं हुई है। हाईकोर्ट में यह वह साबित कर देंगे। उन्होंने कहा की सभागार पूरी तरह विवादित है। प्रदेश के ईमानदार छबी वाले सीएम को ऐसे उद्घाटनों से बचना चाहिए उन्होनें इसके लिए सीएम को पत्र भेजकर इसकी मांग भी की है।

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