

तराई किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तजिंदर सिंह विर्क ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मटर का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि भारत सरकार एवं राज्य सरकारें निरंतर किसानों की आय बढ़ाने के लिए घोषणाएँ करती रही है समय समय पर किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का भी गुणगान होता रहा है

मान्यवर आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि राज्य के जनपद उधम सिंह नगर में 50 से अधिक फृोजन प्लांट लगे हैं भारत सरकार द्वारा 50 प्रतिशत से अधिक का अनुदान इन कारखानों को दिया गया है सरकार द्वारा समय समय पर फ़सल चक्र यदि परम्परागत धान गेहूं गन्ना आदि मसलों से हटकर मक्का मटर दलहन एवं बाग़वानी आदि के लिए प्रोत्साहित किया जाता रहा है इसी उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए राज्य के जनपद उधम सिंह नगर में विशेष अनुदान देकर इस तरह के फृोजन प्लांटों को स्थापित किया गया जिससे कि किसानों को नई फसलों की ओर आकर्षित किया जाए
विगत वर्षों में मक्का की खेती को राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया गया परंतु न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीद न होने के कारण मक्का की फ़सल 500 रुपया प्रति क्विंटल की दर पर खुले बाज़ार में बेचने के लिए किसान मज़बूर हुआ जिस पर प्रति एकड़ 20-25 हज़ार की क्षति हुई और किसानों ने मक्का से मुँह मोड़ लिया इसी तरह जनपद उधम सिंह नगर मटर की खेती के लिए पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्ध है परंतु भारत सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त कर फ़ैक्ट्री स्थापित करने वाले फ़ैक्ट्री मालिकों द्वारा मुनाफ़ा कमाने की नीयत से एक राय होकर मटर की ख़रीद पर एकाधिकार कर लिया है जिसके संबंध में समय समय पर जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है जिला प्रशासन समय समय पर प्रयास भी किए हैं परंतु फ़ैक्ट्री मालिक की मनमानी के चलते किसान को मटर की फ़सल का उचित भाव नहीं मिल रहाहै
मटर का वर्तमान में अब भी 5 00 रुपया से 7 00 रू किलो भाव है जबकि फै़क्टरी माल के द्वारा प्रोसेस कर बाज़ार में बेचे जाने वाले मटर का भाव 5000 रू प्रति कुन्तल है फ़ैक्ट्री मालिक की प्रति कु० लागत 2000 रुपये आ रही है प्रति कु० 3000 रुपये मुनाफ़ा कमा रहा है दूसरी ओर मटर किसान का प्रति कुन्तल 1200
रुपया लागत आ रहा है और वह है 700 रुपया प्रति कुन्तल मटर बेच रहा है यानी प्रति कु० पर 500 सौ रुपया किसान को घाटा हो रहा है प्रति एकड़ किसान को लगभग 18- 20 हज़ार का मोटा घाटा हो रहा हैऔर मटर फ़ैक्ट्री मालिक मुनाफ़ा कमा रहे हैं जिससे किसान आहत है
महोदय हमारा आपसे अनुरोध है कि यदि सरकार ने समय रहते इस विषय पर संज्ञान नहीं लिया तो भविष्य में किसान मक्का सूरजमुखी की तरह मटर की खेती से भी मुँह मोड़ लेगा सरकार को मटर का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर मटर की ख़रीदसुनिश्चित करनी चाहिए एवं प्राथमिकता स्थानीय कृषकों को मिलनी चाहिए।