
भोंपूराम खबरी। गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) में भाजपा के लिए प्रचार करने पहुंचे अभिनेता और नेता परेश रावल (Actor Paresh Rawal) अपने एक बयान के चलते विवादों में आ गए। हालांकि उन्होंने अपने बयान को लेकर सफाई दी और माफी भी मांगी लेकिन वह विरोधियों के निशाने पर आ गए। एक जनसभा को संबोधित करते हुए परेश रावल ने कहा था कि “गैस सिलेंडर का आप क्या करोगे? बंगालियों के लिए मछली पकाओगे? गुजरात के लोग महंगाई को सहन करेंगे, लेकिन पड़ोस के बांग्लादेशियों और रोहिंग्या को नहीं।”

इस पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahua Moitra) ने पलटवार करते हुए कहा कि “ बंगालियों की तरह मछली पकाना तो उनके जीवन का दूसरा हिस्सा है। बंगालियों की तरह दिमाग रखना जरूरी है। हम वो हैं जो किसी भी दूसरे भारतीय राज्य के मुकाबले, अधिक नोबेल पुरस्कार विजेता हैं मेरे दोस्त।” सोशल मीडिया पर और भी लोगों ने परेश रावल पर कटाक्ष किया है।
कांग्रेस नेता सुरेन्द्र राजपूत (Congress Leader Surendra Rajpoot) ने लिखा कि गुजरात की गुजरात के राजपूत समाज की और हर गुजराती की सरेआम बेईज्जती की भाजपा नेता परेश रावल ने। बाद में डरकर माफी मांग कर भाग खड़े हुए! गुजराती भाजपा को माफ नहीं करेगा। @radheyshyamsha6 यूजर ने लिहा कि फिल्म कलाकार सिर्फ कलाकारी करें। राजनीति में पब्लिक के सामने डायलॉग कोई लिखकर नहीं देता है बल्कि खुद परिस्थिति के अनुसार स्वयं बोलने और पढ़ते हैं।
@Rajaramrdvv यूजर ने लिखा कि कहीं महाराष्ट्र ने परेश रावल की बात पर अमल कर लिया तो वे खुद रोड पर होंगे इसलिए तोड़ने की नहीं बल्कि जोड़ने की बात करनी चाहिए लेकिन वे जिसका प्रचार कर रहे हैं, उसकी वैचारिकी ही बांटना है।@panwarsudhir1 यूजर ने लिखा कि परेश रावल जी ने भाजपा के प्रचार की कुछ ज्यादा ही जिम्मेदारी ले ली थी, उत्साह में भूल गए थे कि वो अभिनेता से नेता बने हैं और राजनीति में रिटेक नहीं होता। @ajayBaudh17 यूजर ने लिखा कि परेश रावल को महंगाई नहीं दिखेगी क्योंकि बॉलीवुड अभिनेता हैं और बीजेपी के पूर्व सांसद जो करोड़ों की गाड़ी से चलते हैं, करोड़ों के बंगले में रहते हैं उन्हें क्या पता महंगाई? गरीबों के बीच में जाओगे तब दिखेगी।
परेशन रावल के बयान पर विवाद अधिक बढ़ा तो उन्होंने इस पर माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मछली कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि गुजराती मछली पकाते हैं और खाते भी हैं लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि बंगाली मेरा मतलब अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या से है लेकिन फिर भी अगर मैंने आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो मैं माफी मांगता हूं। हालांकि परेश रावल अपने बयान से मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं।