भोंपूराम खबरी,काशीपुर। शादी का झांसा देकर युवती की अस्मत से खिलवाड़ करने का एक और हैरतअंगेज मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने उक्त मामले में कोर्ट के निर्देश पर तीन महिलाओं समेत कुल सात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में अभियोग पंजीकृत करते हुए मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी।
घटना के बारे में न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर महुआ खेड़ा गंज निवासी एक युवती ने बताया कि मोहल्ला जुलाहान ईदगाह रोड जसपुर निवासी आरिफ पुत्र शमशेर उसके रिश्ते में है इस कारण उसके घर आना जाना था। कोर्ट को दिए प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने बताया कि लगभग 2 वर्ष पूर्व आरिफ ने शादी का झांसा देकर उसे प्रेम जाल में फंसा लिया। पीड़िता का आरोप है कि बीते 17 जुलाई को जब वह मोहल्ला लक्ष्मीपुर पट्टðी मधुबन नगर में रहने वाली अपने बहन के घर आई थी इसी दौरान आरिफ ने शाम लगभग 7ः00 बजे उसे विश्वास में लेकर मंदिर के समीप अकेले में बुलाया और साथ चलने की जिद करने लगा। आरिफ ने पीड़िता को यकीन दिलाया कि वह तुरंत उससे निकाह करेगा। आरिफ की बातों पर भरोसा कर जब युवा थी उसके साथ चलने को तैयार हो गई तो आरिफ उसे बाजपुर रोड स्थित एक होटल के कमरे में ले गया और कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर युवती के बगैर मर्जी के उसके साथ बलात्कार किया।
पीड़िता का आरोप है कि अस्मत के साथ खिलवाड़ करते हुए आरोपी आरिफ ने उसकी वीडियो बना ली। नशा उतारने पर जब पीड़िता ने इसका विरोध किया तो आरोपी आरिफ ने निकाह करने के एवज में 50 हजार रुपयों की डिमांड रख दी। आरिफ ने धमकाया कि यदि उसकी डिमांड पूरी नहीं की तो वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। घटना के बाद घर लौटकर पीड़िता ने परिजनों को आप बीती सुनाई।
पीड़िता के माता-पिता तथा उसके संबंधियों ने जब आरोपी के घर जाकर उससे इस बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया तो आरोप है कि आरोपी आरिफ, आरिफ के पिता शमशेर, मां खुर्शीदा, भाई तस्लीम, बहने शाहीन एवं शमा के अलावा शमा के पति ने आपस में एक राय होकर गाली गलौज करते हुए पीड़िता के परिजनों को मारपीट कर वहां से भगा दिया तथा निकाह करने से साफ मुकर गए। आरोपियों ने घटना को अंजाम देते हुए मुंह खोलने के एवज में जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता का आरोप है की घटना के तत्काल बाद आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर वह संबंधित थाने गई लेकिन उसे वहां से बैरंग लौटा दिया गया। इसी तरह पीड़िता ने मामले की लिखित शिकायत एसएसपी को भेज कर न्याय की गुहार लगाई लेकिन पुलिस कप्तान ने भी मामले को अनसुना कर दिया अंत में कोर्ट ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत करने के निर्देश दिए।